संत रामदेव शास्त्री के निधन पर जताया गया शोक
अयोध्या श्री पंच रामानंदी निर्माणी अखाड़ा हनुमानगढ़ी अयोध्या के प्रमुख संत, स्वामी हरिया चार्य जी महाराज के शिष्य
एवं अयोध्या धाम प्रकाशिका समिति के संस्थापक और अध्यक्ष हनुमानगढ़ी सागरिया पट्टी के विद्वान संत रहे आचार्य रामदेव दास शास्त्री के निधन पर विभिन्न हिंदूवादी संगठनों द्वारा उन्हें भावभीनी विनम्र श्रद्धांजलि प्रदान की गई, इस अवसर पर धर्म सेना प्रमुख संतोष दुबे ने कहा कि आचार्य जी विराट व्यक्तित्व के स्वामी थे अयोध्या में उन जैसा व्यक्तित्व अब मिलना मुश्किल होगा ,हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अधिवक्ता मनीष पांडेय ने कहा कि स्वामी जी अहंकार से कोसों दूर ,सात्विक विचारधारा से परिपूर्ण एक उच्च कोटि के संत होने के साथ-साथ एक विद्वान लेखक भी थे, उनके द्वारा श्री संप्रदाय मंथन श्री रामस्तवराज , नारी तू नारायणी मानस सूक्ति विमर्श अवध सौरभ पत्रिका, श्री संप्रदाय आचार्य दर्शन, श्री हनुमान बाहुक भक्ति भूषण भाग , श्री कपिल मुनि चरितामृत, श्रीमंत्रराज पूरश्चरण पद्धति ,एवं प्राचीन श्री राम रक्षा स्त्रोत की व्याख्या , बाल्मीकि रामायण स्वाध्याय तथा भारतीय संस्कृति में आर्यवर्त की अयोध्या, पुस्तकों की रचना की, श्री पांडेय ने यह भी कहा कि आचार्य श्री के जाने से ना सिर्फ संत समाज का बल्कि विद्वत समाज की भी अपूरणीय क्षति है, आचार्य रामदेव शास्त्री काफी समय से बीमार चल रहे थे आज प्रातः उन्होंने हनुमानगढ़ी स्थित अपने निवास पर अंतिम सांस ली शोक व्यक्त करने वाले प्रमुख लोगों में महंत रामलोचन शरण शास्त्री राजन बाबा चंद्रहास दीक्षित राम सुमन मिश्रा गब्बर अध्यक्ष ब्राह्मण स्वाभिमान परिषद राजनीतिक विश्लेषक गुलशन तिवारी विनोद पांडेय आर एल मिश्र बृजेश दुबे सहित अन्य लोग मौजूद रहे