हल्द्वानी जेल: सा रे गा मा की धुन से होगा कैदियों और बंदियों का तनाव दूर |
हल्द्वानी उप कारागार में कैदियों और बंदियों का तनाव दूर करने और उनके बौद्धिक विकास के लिए उन्हें संगीत प्रशिक्षण दिया जाएगा। शुरुआत में हार्मोनियम और ढोलक बजाना सिखाया जाएगा। इसके बाद कीबोर्ड व गिटार समेत अन्य वाद्ययंत्र बजाने में उन्हें पारंगत किया जाएगा। मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी इसे बेहतर कदम माना जा रहा है।
बीते सप्ताह जेल में हुई परेड के दौरान कुछ कैदियों ने संगीत सीखने की इच्छा जताई थी जिस पर जेल प्रशासन ने हामी भर दी है। शुरुआत में 10 कैदी/बंदी हार्मोनियम और ढोलक बजाना सीखेंगे। 5-7 युवा कैदियों/बंदियों ने गिटार और तबला सीखने की इच्छा जताई है। इनके प्रशिक्षण के लिए जेल कैंटीन के पास कक्ष तैयार किया गया है। जेल प्रशासन के पास गिटार, तबला, ढोलक, ड्रम, हार्मोनियम के अलावा कुछ अन्य वाद्ययंत्र हैं।
यह पहल केवल सिखाने तक ही सीमित नहीं रहेगी। प्रशिक्षित होने के उनकी प्रतिभा को लोगों तक पहुंचाने की बात हो या फिर सार्वजनिक मंच पर प्रस्तुति की, इसके प्रयास भी जेल प्रशासन की ओर से किए जाएंगे।
हल्द्वानी उप कारागार के जेल अधीक्षक प्रमोद पाठक का कहना है कि हमारा उद्देश्य जेल के कैदी-बंदियों को सुधारना है। यहां से निकलने के बाद वे अपना रोजगार कर सकें, यह भी हमारा प्रयास है। यही वजह है कि जेल प्रशासन कैदियों बंदियों के लिए शिक्षा से लेकर व्यावसायिक प्रशिक्षण तक की व्यवस्था कर रहा है।