वाल्मीकि रामायण के अनुसार त्रेता युग में चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर भगवान विष्णु के सातवें अवतार प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ था। इसी के चलते हर साल चैत्र की नवमी तिथि को रामलला का जन्मदिन मनाया जाता है। वैसे तो रामलला के जन्मदिन की धूम हर जगह रहती है, लेकिन अयोध्या धाम की बात ही अलग है।
पिछले साल की तरह इस साल भी अयोध्या में स्थित श्रीराम जन्मभूमि में रामलला का सूर्य तिलक कराया जाएगा। इस दौरान मंदिर के शिखर से सूर्य की किरणों को गर्भगृह तक लाया जाएगा। इसके लिए खास तरह के मिरर और लेंस लगाए गए हैं।
ऐसे में आप भी चाहें तो इस खास दिन सूर्य तिलक के समय भी रामलला के दर्शन कर सकते हैं। यदि आप भी इस खास दिन अयोध्या जाना चाहते हैं तो इन बातों को ध्यान में रखकर अपनी एक दिन की ट्रिप प्लान करें।
आज रात को निकल लें
यदि आपके यहां से अयोध्या जाने में ज्यादा समय नहीं लगता है तो आप आज रात की बस या ट्रेन अयोध्या के लिए बुक कर सकते हैं। यदि बस या ट्रेन से नहीं जाना चाहते तो कार के अयोध्या जाने का प्लान बनाएं, ताकि आप समय से अयोध्या पहुंच सकें।
यदि आपका घर काफी दूर है तो आप कुछ घंटों में फ्लाइट के जरिए अयोध्या पहुंच सकते हैं। बस फ्लाइट से जाने के लिए आपको पैसे थोड़ा ज्यादा खर्च करने होंगे। बस इस बात का ध्यान रखें कि आपको सुबह से पहले अयोध्या पहुंच जाना है।
सुबह पहुंचकर रुकें धर्मशाला में
यदि आधी रात को या फिर सुबह सवेरे अयोध्या पहुंच गए हैं तो वहां स्थित किसी धर्मशाला में आप रुक सकते हैं। अयोध्या में श्री राम लला मंदिर ट्रस्ट, श्री जानकी महल ट्रस्ट, बिड़ला परिवार, श्री गहोई समाज, श्री बालाजी मंदिर ट्रस्ट की कई धर्मशालाएं हैं, जो महज 100 से 500 रूपये तक में रुकने का बंदोबस्त कर देती हैं। यहां चाहें तो एक घंटे आराम करें और फिर नहाकर निकल लें रामलला के दर्शन के लिए।
सरयू में कर सकते हैं स्नान
यदि धर्मशाला में स्नान नहीं करना तो आप सुबह सवेरे जाकर ही सरयू नदी में स्नान कर सकते हैं। अयोध्या में किसी भी जगह जाने के लिए आपको ई रिक्शा आसानी से मिल जाएगी तो 10 से 20 रूपये लेती है। तो सरयू नदी में स्नान करके कपड़े बदल कर तैयार हो जाइए।
अब करें हनुमान गढ़ी के दर्शन
सरयू में स्नान करने के बाद ई रिक्शा के ही निकल पड़िए हनुमान गढ़ी के दर्शन के लिए। राम नवमी के दिन यहां आपको काफी भीड़ मिल सकती है। ऐसे में कोशिश करें कि यहां जाने के लिए ज्यादा समय न लगाएं। यदि आप 7 बजे सरयू से नहाकर निकल लेंगे तब जाकर सही समय पर हनुमान गढ़ी के दर्शन कर पाएंगे।
हनुमान गढ़ी से निकल कर चल पड़ें रामलला की ओर
अब बारी आती है रामलला के दर्शन के लिए लाइन में लगने की। भले ही रामलला के दर्शन के लिए आपको घंटों लाइन में लगना पड़े लेकिन जब आप उनका सूर्य तिलक होता देखेंगे तो आपकी थकान मिनटों में उतर जाएगी। इसके लिए समय से रामलला के दर्शन वाली लाइन में लग जाइए।
रामलला का सूर्य तिलक रामनवमी के दिन दोपहर 12 बजे होगा, तो समय का ध्यान रखकर लाइन में लगें, जिससे 12 बजे के आस-पास आप मंदिर प्रांगण में ही मौजूद हों। 12 बजे के आप रामलला के मस्तक पर सूर्य की किरणों के दर्शन कर पाएंगे।