प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिवाली के अवसर पर देशवासियों के नाम एक पत्र लिखा। इस पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले तो देशवासियों को दिवाली की शुभकामनाएं दीं। साथ ही एक नए, आत्मनिर्भर भारत की दिशा में योगदान देने का आह्वान किया। उन्होंने पत्र में भगवान श्रीराम को मर्यादा और अन्याय के खिलाफ लड़ाई का प्रतीक बताते हुए पत्र में कहा कि भगवान श्रीराम केवल एक धार्मिक प्रतीक नहीं, बल्कि धर्म और न्याय के मार्गदर्शक हैं। उन्होंने कहा कि श्रीराम हमें सिखाते हैं कि कैसे धर्म का पालन करें और अन्याय के खिलाफ डटकर खड़े हों। प्रधानमंत्री ने हाल ही में संपन्न ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें भारत ने धर्म की रक्षा की और अन्याय का प्रतिशोध लिया।
उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन भारत की ताकत, नैतिकता और संकल्प का प्रतीक है। आज का भारत न सिर्फ सही के साथ खड़ा होता है, बल्कि अन्याय का जवाब भी देता है। प्रधानमंत्री का यह पत्र नवरात्रि और विजयदशमी के मौके पर जारी किया गया, जिसमें उन्होंने देशवासियों को धर्म, सत्य और न्याय के मार्ग पर चलने का संदेश दिया।

नेक्स्ट जनरेशन रिफॉर्म्स पर भी बोले पीएम मोदी
पीएम मोदी ने पत्र में आगे कहा कि इन ऐतिहासिक उपलब्धियों के बीते कुछ दिनों पहले देश में नेक्स्ट जनरेशन रिफॉर्म्स की भी शुरुआत हुई है। नवरात्रि के पहले दिन जीएसटी की कम दरें लागू हुई हैं। जीएसटी बचत उत्सव में देशवासियों के हजारों करोड़ रुपये बच रहे हैं। उन्होने कहा कि अनेक संकटों से गुजर रहे विश्व में, हमारा भारत स्थिरता और संवेदनशीलता दोनों का प्रतीक बनकर उभरा है। आने वाले कुछ समय में हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी बनने वाले हैं। विकसित और आत्मनिर्भर भारत की इस यात्रा में एक नागरिक के तौर पर हमारा प्रमुख दायित्व है- हम देश के प्रति अपना कर्तव्य निभाएं।

पीएम मोदी ने लोगों से की ये खास अपील
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दीपावली के अवसर पर देशवासियों को लिखे एक पत्र में कहा कि इस बार की दीपावली खास है, क्योंकि कई ऐसे जिलों में भी दीप जलाए जाएंगे, जहां पहले नक्सलवाद था लेकिन अब वहां शांति और विकास की रोशनी फैल रही है। पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि यह समय नए संकल्पों का है और हर नागरिक का योगदान भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में अहम है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने पत्र में लोगों से अपील की कि वे स्वदेशी उत्पाद अपनाएं, स्वच्छता और स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें, भोजन में तेल और नमक की मात्रा 10% तक घटाएं और योग को जीवन का हिस्सा बनाएं।








