बिहार और पूर्वांचल का सबसे बड़ा महापर्व छठ 5 नवंबर से शुरू होगा। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व की शुरूआत नहाय-खाय के साथ हो रही है। दीपावली के बाद अब छठ की तैयारियों की रौनक शहर में दिखाई देने लगी है। अलीगढ़ में भी बड़ी संख्या में लोग छठ मनाते हैं। इसलिए टीकाराम मंदिर और बदरबाग कॉलोनी में कृत्रिम घाट बनने लगा है।
टीकाराम मंदिर और बदरबाग कॉलोनी में इसका भव्य आयोजन होगा। टीकाराम मंदिर के राजू पंडित ने बताया कि अर्घ्य देने के लिए अस्थाई तालाब का निर्माण किया जा रहा है। जहां पर अस्तगामी और उदयगामी सूर्य देव को वृत्ति अर्घ्य देंगी। बदरवाग कॉलोनी में तो छठ महापर्व की छटा देखते ही बनती है। यहां सुंदर तरीके से तालाब को सजाया जाता है। इसके अलावा शहर में कुलदीप बिहार, क्वार्सी, सारसौल, सासनीगेट आदि स्थानों पर भी छठ महापर्व मनाया जाता है। महानगर में रहने वाले बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों में पर्व का उत्साह देखा जा रहा है। महिलाएं इसकी तैयारियों में जुट गई हैं। यह पर्व सूर्यदेव और छठी माता के पूजन का पर्व है।
ऐसे होगा चार दिवसीय महापर्व
भोजपुरी समाज के लोग छठ महापर्व की तैयारियों में जुट गए हैं। 5 नवंबर को नहाय खाए के साथ यह व्रत प्रारंभ हो रहा है। इस दिन व्रती महिलाएं चने की दाल, लौकी और भात प्रसाद में ग्रहण करेंगी। दूसरे दिन 6 नवंबर को खरना होगा। इस दिन गुड़ की खीर और रोटी का प्रसाद ग्रहण किया जाएगा। इसी के साथ लगातार 36 घंटे का निर्जला व्रत प्रारंभ होगा। 7 नवंबर को अस्तगामी सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाएगा और 8 नवंबर को उदयगामी सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाएगा। इसी के साथ व्रत पूर्ण होगा। व्रत के लिए खासकर ठेकुआ का प्रसाद बनाया जाता है।