बीजापुर जिले के उसूर थाना क्षेत्र के कर्रेगुट्टा की पहाड़ी में नक्सलियों के खिलाफ पिछले पांच दिनों से चल रहे अब तक के सबसे बड़े ऑपरेशन कगार में शामिल जवान नक्सलियों के एक ठिकाने तक पहुंच गए है। जवान जिस गुफा में पहुंचे हैं। उसके अंदर एक बड़ा सा मैदान और पानी मिला है।
वायरल वीडियो में कुछ जवान आपस में बात करते हुए कहे रहे है कि यहां एक बड़ा सा मैदान है और अंदर पानी भी है। वीडियो में नक्सलियों के मौजूदगी के निशान दिखाई दे रहे हैं। इससे साफ समझा जा सकता है कि नक्सली यहां मौजूद थे और जवानों के पहुंचने से पहले नक्सलियों ने अपना ठिकाना बदल दिया।
गुफा के भीतर जवानों का तलाशी अभियान चल रहा है। मौके पर नक्सलियों की भले ही मौजूदगी नहीं मिली पर यह साफ हो गया कि यहां नक्सली सुरक्षित ठिकाना बनाकर रह रहे थे। बीजापुर और तेलंगाना की सीमा पर स्थित कर्रेगट्टा की पहाड़ियों में नक्सलियों के खिलाफ देश के सबसे बड़े ऑपरेशन में जवानों को बड़ी सफलता मिली है। सर्चिंग के दौरान एक गुफा मिला है, जहां एक साथ एक हजार से ज्यादा लोग आराम से रह सकते हैं।
इस गुफा के अंदर पानी से लेकर आराम करने लायक वातावरण है। आक्सीजन की भी कमी नहीं है। गुफा के अंदर ही एक बहुत बड़ा मैदान भी मौजूद है। ऑपरेशन के दौरान जवानों की और से खोजी गई नक्सलियों की इस गुफा की तस्वीरें और वीडियो मीडिया पर वायरल हो रही है।
अमर उजाला ने इस संबंध में अधिकारियों से संपर्क किया पर किसी ने फोन नहीं उठाया। शायद वह ऑपरेशन में व्यस्त होंगे। अमर उजाला इस वीडियो के सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। इस पहाड़ी श्रृंखला में भले ही अब तक किसी माओवादी के जिंदा या मुर्दा मिलने की खबर बाहर नहीं आई है पर यह तय हो गया है कि नक्सलियों का सबसे मजबूत ठिकाना अब फोर्स के कब्जे में है।
यह भी साफ़ है कि जिस तरह से पहाड़ी क्षेत्र की मजबूत घेराबंदी की गई है वहां से बाहर निकल पाना असंभव जैसा है। पर यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है कि यदि नक्सलियों के टॉप लीडर हिडमा अब तक नहीं मिला है। ऐसे में 2000 नक्सली किधर गए। इस पर बड़ा सवाल है।