विधायक डॉ. मोहन बिष्ट ने विधानसभा सत्र के दूसरे दिन सदन में कहा कि दो महीने बीतने के बाद भी गौला नदी से खनन निकासी नहीं होने से सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है। उन्होंने खनन रॉयल्टी कम करने और लालकुआं विधानसभा के ग्रामीण क्षेत्र को विकास प्राधिकरण से मुक्त रखने की मांग की। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र के विकास प्राधिकरण से बाहर किए जाने के बावजूद प्राधिकरण के अधिकारी बार-बार ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को नक्शा पास कराने के लिए दबाव बनाने का मामला विधानसभा में उठाया।
उन्होंने कहा कि स्टोन क्रशर स्वामी अधिक रॉयल्टी का हवाला देकर उप खनिज खरीदने से मना कर रहे हैं। क्रशर स्वामियों का कहना है कि गौला नदी की रॉयल्टी अत्यधिक है जबकि खनन पट्टों की कम है। गौला नदी के उपखनिज की लागत अधिक आ रही है। खनन से मजदूर, वाहन स्वामी और व्यवसायियों का एक बड़ा वर्ग जुड़ा है। वह लंबे समय से आंदोलित है।