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देहरादून शहर में बीते सोमवार की देर शाम से लेकर मंगलवार तड़के तक, महज साढ़े छह घंटे के भीतर आग लगने की 12 घटनाएं सामने आईं। सबसे भयंकर आग मेहूंवाला में प्लास्टिक के गोदाम और निरंजनपुर मंडी की छत पर लगी थी। राहत की बात यह रही कि जन जागरूकता और फायर स्टेशन की तत्परता से जान-माल का बड़ा नुकसान टल गया, हालांकि पिछले साल के मुकाबले इस बार आग की घटनाओं में कमी आई है। इस बार भी आग लगने की बड़ी वजह पटाखे, खासकर स्काई शॉट, रॉकेट आदि बने।
दिवाली की रात आतिशबाजी शुरू होते ही आग लगने की सूचनाओं में एकाएक इजाफा हुआ। रात 7:32 बजे से तड़के लगभग 2 बजे तक फायर स्टेशन को 12 कॉल मिलीं, जिनमें पटाखों की वजह से लगी आग प्रमुख थी। इन 12 घटनाओं में सबसे विकट स्थिति मेहूंवाला और निरंजनपुर मंडी में देखने को मिली।
मेहूंवाला के प्लास्टिक गोदाम से उठी तेज गंध से सांस लेना हुआ मुश्किल
मेहूंवाला में प्लास्टिक के एक बड़े गोदाम में भीषण आग लग गई। प्लास्टिक की ज्वलनशीलता के कारण आग तेजी से फैली और इस पर काबू पाना दमकल विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया। आग इतनी भयंकर थी कि दमकल विभाग को इस पर पूरी तरह काबू पाने में डेढ़ घंटे का समय लग गया। सबसे बड़ी मुश्किल यह हुई कि जलते प्लास्टिक से अत्यधिक मात्रा में जहरीला धुआं और तेज गंध पूरे इलाके में फैल गई। इससे फायर फाइटिंग ऑपरेशन में जुटे कर्मियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा, वहीं आसपास के लोगों को भी सांस लेने में काफी परेशानी हुई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए, दमकल विभाग ने विशेष एग्जॉस्ट लगाकर धुएं और प्लास्टिक की गंध को दूर करने की कोशिश की।