
हेमकुंड साहिब की तीर्थयात्रा अभी तक शुरू नहीं हो पाई है, लेकिन बर्फबारी से हुए नुकसान का जायजा लेकर गुरुद्वारा प्रबंधन के अधिकारी और कर्मचारियों की टीम हेमकुंड साहिब से लौट आई है। उन्होंने बताया कि इस बार बर्फबारी से हेमकुंड साहिब में कोई नुकसान नहीं हुआ है।
हेमकुंड साहिब मई के महीने में भी पांच फीट बर्फ से ढका हुआ है। यहां चारों ओर बर्फ जमी हुई है और हेमकुंड सरोवर भी बर्फ में तब्दील हो गया है। हेमकुंड साहिब की तीर्थयात्रा प्रतिवर्ष 25 मई से एक जून के बीच शुरू होती थी, लेकिन इस वर्ष कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए हेमकुंड साहिब ट्रस्ट ने फिलहाल यात्रा को स्थगित करने का निर्णय लिया है।
गोविंदघाट गुरुद्वारे के वरिष्ठ प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि हेमकुंड साहिब में करीब पांच फीट तक बर्फ जमी है, लेकिन बर्फबारी से हेमकुंड में किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है। आस्था पथ भी करीब तीन किलोमीटर तक बर्फ से ढका हुआ है।
उन्होंने बताया कि हेमकुंड साहिब और गोविंदघाट गुरुद्वारा प्रबंधन को यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं की ओर से लगातार फोन किया जा रहा है। विचार किया जा रहा है कि कोरोना का प्रकोप धीमा पड़ने पर यात्रा शुरू कर दी जाए।
हेमकुंड साहिब में अभी भी रुक-रुककर बर्फबारी हो रही है। घांघरिया से हेमकुंड साहिब तक छह किलोमीटर पैदल आस्था पथ सही स्थिति में है, लेकिन तीन किलोमीटर क्षेत्र में बर्फ जमी हुई है।
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक अगले 24 घंटे में देहरादून, बागेश्वर, नैनीताल और पिथौरागढ़, चमोली समेत अन्य पहाड़ी जिलों में भारी बारिश के साथ ही आकाशीय बिजली गिरने की संभावना है।