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17-18 साल की उम्र में लड़के और लड़कियां एचआईवी संक्रमित हो रहे हैं। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के एआरटी सेंटर के माध्यम से इलाज करा रहे पांच हजार संक्रमितों को यह पता ही नहीं है कि उन्हें संक्रमण कैसे मिला है?
किसी और मर्ज के इलाज के लिए जांच कराने पर एचआईवी संक्रमण पता चल रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि स्थिति भयावह है। पहले माना जाता रहा है कि ट्रक ड्राइवर जैसे पेशे वालों को ही यह संक्रमण अधिक होता है।
संक्रामक रोग अस्पताल में एआरटी सेंटर वर्ष 2009 में खुला था। तब से अब तक 13 हजार संक्रमित पंजीकृत हुए हैं। इस समय पांच हजार संक्रमित सेंटर पर आकर इलाज ले रहे हैं। संक्रमितों में 60 फीसदी पुरुष और 40 फीसदी महिलाएं हैं। संक्रमितों का आयु वर्ग 17 से 50 वर्ष के बीच है।
एआरटी सेंटर प्रभारी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. एमपी सिंह ने बताया कि इनमें 15 संक्रमित 17 साल से कम उम्र के हैं। जेल के 40 बंदियों को भी संक्रमण है। संक्रमितों की संख्या बढ़ने पर उन्हें संबंधित जिलों के लिंक सेंटरों पर इलाज के लिए भेज दिया जा रहा है। इससे संक्रमितों को इलाज लेने में आसानी होती है।