गांधी परिवार के तीनों प्रमुख सदस्य इस समय अस्वस्थ चल रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी कोविड से पीड़ित हैं और वे आइसोलेशन में रहकर अपना इलाज करा रही हैं। प्रियंका गांधी भी कोविड संक्रमित हैं और इस समय आइसोलेशन में हैं। राहुल गांधी भी अस्वस्थ हैं। उन्हें कोरोना होने की अभी पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन बीते कुछ दिनों से उन्हें भी बुखार हो रहा है और वे भी इस समय आराम कर रहे हैं।
लिहाजा 15 अगस्त को दिल्ली स्थित कांग्रेस पार्टी के मुख्यालय 24 अकबर रोड पर झंडारोहण कौन करेगा, इस पर चर्चा शुरू हो गई है। यह ऐसा अवसर होगा जब गांधी परिवार से बाहर का कोई व्यक्ति कांग्रेस मुख्यालय में झंडारोहण कर सकता है। चूंकि, इसी समय पार्टी अपने नए अध्यक्ष की तलाश करने की प्रक्रिया भी शुरू कर चुकी है, माना जा रहा है कि कल झंडारोहण के अवसर में पार्टी के नए अध्यक्ष की तस्वीर भी दिख सकती है।
कांग्रेस पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, गांधी परिवार के किसी सदस्य के स्वस्थ न होने की स्थिति में मल्लिकार्जुन खड़गे पार्टी मुख्यालय में झंडारोहण कर सकते हैं। वे इस समय पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेता हैं और राज्यसभा में पार्टी के नेता हैं। पार्टी की नीतियों के निर्धारण में भी उनकी भूमिका इस समय सबसे ज्यादा महत्त्वपूर्ण रहती है। वे गांधी परिवार के सबसे करीबी लोगों में भी माने जाते हैं, लिहाजा संभावना है कि सोमवार को वे पार्टी मुख्यालय में झंडारोहण कर सकते हैं।
केसी वेणुगोपाल पार्टी के जनरल सेक्रेटरी हैं। उन्हें राहुल गांधी के सबसे करीबी लोगों में माना जाता है। मल्लिकार्जुन खड़गे के किसी कारण उपलब्ध न होने पर वे पार्टी मुख्यालय में झंडारोहण कर सकते हैं। पार्टी के कोर ग्रुप में शामिल वेणुगोपाल संगठन के लिए दक्षिण भारत के सबसे प्रमुख चेहरों में देखे जाते हैं। चूंकि, पार्टी में अध्यक्ष के बाद इस समय उनके पास सबसे महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी है, उन्हें पार्टी के अगले संभावित अध्यक्ष के तौर पर भी देखा जा रहा है।
वहीं, पवन बंसल पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। उनके पास इस समय पार्टी के कोषाध्यक्ष पद की महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी है। मल्लिकार्जुन खड़गे और केसी वेणुगोपाल के न रहने की स्थिति में वे पार्टी मुख्यालय में झंडारोहण कर सकते हैं। उत्तर भारत से आने वाले पवन बंसल बेहद सौम्य छवि के नेता हैं। उन्हें भी पार्टी के अगले अध्यक्ष के संभावित चेहरे के तौर पर देखा जा रहा है। यदि वे पार्टी के अध्यक्ष बनते हैं तो इससे पार्टी को पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश में मजबूती मिल सकती है।
इस समय अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर काम कर रहीं सोनिया गांधी लगभग दो दशक से पार्टी को लीड कर रही हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद राहुल गांधी ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था। उन्होंने कांग्रेस के अध्यक्ष पद को लेकर कई बार अपनी अनिच्छा जता दी है। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार गांधी परिवार से बाहर का कोई व्यक्ति कांग्रेस को लीड कर सकता है। ऐसी स्थिति में संभावित अध्यक्ष को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। अध्यक्ष पद की प्रक्रिया 21 अगस्त से शुरू होकर 21 सितंबर तक समाप्त होने का अनुमान है।