उत्तराखंड उच्च न्यायालय: हरक सिंह रावत की संपत्ति के ED के कुर्की आदेश पर रहेगी रोक, जानिये पूरा मामला

Spread the love

 

 

त्तराखंड के पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत से संबंधित संपत्ति मामले में ईडी के कुर्की आदेश पर 21 अगस्त तक हाईकोर्ट की ओर से रोक लगी रहेगी। न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत से जुड़े 101 बीघा भूमि की कुर्की करने के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आदेश पर रोक लगा दी थी। ईडी ने इस साल जनवरी में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत यह कार्रवाई की थी। ईडी की ओर से दावा किया गया था कि संलग्न भूमि का पंजीकृत मूल्य 6.56 करोड़ है, जबकि इसका बाजार मूल्य 70 करोड़ रुपये से अधिक अनुमानित है।

दूसरा दावा यह है कि सुशीला रानी ने अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर बीरेंदर सिंह कंडारी और नरेंद्र कुमार वालिया के नाम पर पावर ऑफ अटॉर्नी दी थी। उसका उपयोग कर रावत के एक करीबी सहयोगी कंडारी ने हरक सिंह रावत की पत्नी दीप्ति रावत और लक्ष्मी राणा को उस क्षेत्र के लिए राजस्व अधिकारियों द्वारा निर्धारित सर्कल दरों से बहुत कम पर मामूली राशि में भूमि बेच दी थी। ईडी के अनुसार, इस भूमि के एक हिस्से का उपयोग पूर्णा देवी मेमोरियल ट्रस्ट के तहत दून इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज का निर्माण करने के लिए किया गया था। उसके प्रबंधक रावत के बेटे तुशित रावत थे।

 

ईडी की कार्यवाही को रावत ने हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा था कि यह 2002 के अधिनियम की धारा 5 (1) (बी) के प्रावधानों के अनुरूप नहीं थी। हाईकोर्ट की एकलपीठ ने कहा था कि 2002 के अधिनियम की धारा के अनुरूप प्रारंभिक तौर पर संपत्ति को छिपाने, हस्तांतरित करने या निस्तारित किए जाने की संभावना नहीं लगती। कोर्ट ने मामले में सरकार से जवाब मांगा था। सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से दिए गए जवाब पर प्रतिपक्षी की ओर से प्रति शपथपत्र दाखिल करने का समय मांगा गया, जिस पर कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 21 अगस्त की तिथि निर्धारित की।

और पढ़े  हादसा- रामनगर: गर्जिया मंदिर आ रहे श्रद्धालुओं से भरा छोटा हाथी अनियंत्रित होकर पलटा,14 श्रद्धालु घायल

Spread the love
error: Content is protected !!