यूपी के विधानसभा उपचुनाव में सीएम योगी आदित्यनाथ के काम पर मतदाताओं ने पक्की मुहर लगा दी। भाजपा गठबंधन के खाते में 7 सीटें गईं, जबकि सपा दो सीटों पर सिमट कर रह गई। मुस्लिम बहुल कुंदरकी सीट भी भाजपा ने सपा से छीन ली। इस सीट के परिणामों को सबसे बड़ा उलटफेर माना जा रहा है।
करहल में घटा सपा की जीत का अंतर
सीसामऊ के हाथों आई सफलता
मझवां में भाजपा की सुचिस्मिता मौर्य ने सपा की डॉ. ज्योति बिंद को 4922 मतों के अंतर से हराया। पिछले चुनाव में यह सीट एनडीए गठबंधन में शामिल निषाद पार्टी ने जीती थी। इस चुनाव में बसपा कहीं भी मुख्य लड़ाई में नहीं दिखी। जबकि, आजाद समाज पार्टी के प्रत्याशियों जाहिद हुसैन व चांदबाबू ने क्रमशः मीरापुर और कुंदरकी में तीसरे नंबर पर रहकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
31 साल के बाद जीती भाजपा
33 साल बाद मिली जीत
कटेहरी में भाजपा को तीन दशक से भी अधिक समय से जीत का इंतजार बना था। यूं तो यही हाल अकबरपुर विधानसभा सीट का भी है। लेकिन कटेहरी को सवर्ण दबदबे वाली सीट माना जाता है। इसके बाद भी यहां चुनाव दर चुनाव भाजपा के हिस्से हार आती रही। वर्ष 1991 में जब अकबरपुर से शिवसेना से पवन पांडेय विजयी होकर विधायक बने थे तो उसी चुनाव में कटेहरी से अनिल तिवारी जीत दर्ज करने में सफल रहे थे। उन्होंने बीएसपी के रामदेव वर्मा को करीब सात हजार मतों से हराया था।