मां सरयू के तट पर विराजमान जन्मोत्सव मनाया गया। उन्होंने बताया कि प्रतिष्ठित पीठ श्री लक्ष्मण किला में भगवान प्रभु का जन्म नौमी तिथि मधु मास पुनीता। का जन्मोत्सव का उल्लास एवं आनंद देखते सुकल पच्छ अभिजित हरिप्रीता ॥ मध्यदिवस ही बनता था, ठाकुर जी को पीठाधीश्वर महंत अति सीत न घामा । पावन काल लोक मैथिली रमण शरण महाराज किस संयोजन में बिश्रामा मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री दिव्या झांकी सजाई जिसका उल्लास देखते रामचन्द्र जी के पावन अवतरण दिवस श्री ही बनता था जो भी भक्त वहां पहुंचे राम नवमी’ की वेला में परम पूज्य श्री ठाकुरजी को देखते ही रह गई। सुबह से सतगुरुदेव भगवान के सानिध्य में श्री उत्सव प्रारंभ हुआ और ठीक 12 ठाकुरजी रसिकेन्द्र विहारणी बिहारी जू सरकार एवं का जन्म महोत्सव मनाया गया। अधिकारी पूर्वाचार्यों के सन्निधि में प्रत्येक वर्ष की भांति सूर्य प्रकाश शरण ने बताया कि मंदिर परिसर इस वर्ष भी नवान्हपारायण विश्राम में पिछले एक सप्ताह से उत्सव चल रहा था महाआरती एवं बधाई गायन सानंद संपन्न प्रत्येक दिन नवाह पारायण के साथ बधाई हुआ। 12 अप्रैल को छठ्ठी महोत्सव तक गीत कुचिपुड़ी नृत्य भी हुआ आवाज भाव बधाई गायन होगा।