गुजरैला गांव स्थित मंगलधाम मंदिर में आयोजित प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के चौथे दिन जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच माता महाकाली, महासरस्वती और खाटू श्याम बाबा की मूर्तियों का प्राण-प्रतिष्ठा कर लोकार्पण किया। उन्होंने उपस्थित भक्तों से धर्म का पालन और गोसेवा करने का आह्वान किया।
प्रयागराज और वृंदावन से पधारे आचार्यों दीपक वशिष्ठ, अभिषेक पाठक, मानस पाठक, पंडित अतुल मिश्र, पुजारी रमेश मिश्र और मुरारी लाल – ने विधि-विधान से हवन-पूजन कर विशेष अनुष्ठान संपन्न किए। दोपहर बाद करीब चार बजे शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने स्वयं इन मूर्तियों का प्राण-प्रतिष्ठा कर उन्हें भक्तों के दर्शनार्थ समर्पित किया।
शंकराचार्य ने भारत भूमि की महिमा का बखान करते हुए कहा कि यही वह स्थान है जहां देवता भी आने को तरसते हैं। उन्होंने कहा कि यह भूमि धर्म, कर्म, काम और मोक्ष चारों का समागम है, और यहीं पर पतिव्रता पत्नी और सर्वज्ञानी गुरु जैसे अद्वितीय गुण उपलब्ध हैं, जो विश्व के किसी अन्य भाग में नहीं मिलते।
उन्होंने भारत को विश्व का सर्वांगीण विकास करने वाली भूमि बताया। शंकराचार्य ने भगवान की आराधना के वास्तविक अर्थ को स्पष्ट करते हुए कहा कि इसका मतलब केवल फूल चढ़ाना, जल चढ़ाना, भोग लगाना या परिक्रमा करना नहीं है, बल्कि उनके बताए गुणों को अपने भीतर समाहित करने का प्रयास करना है।
उन्होंने सभी उपस्थित लोगों को गो माता की रक्षा का संकल्प दिलाया। उनसे अपील की कि वह उसी राजनीतिक पार्टी को वोट करें जो गोरक्षा में उनका साथ दे। मंगलधाम में देर रात तक पूजन, प्रसाद वितरण और विशाल भंडारे का आयोजन चलता रहा, जिसमें बड़ी संख्या में भक्तों ने हिस्सा लिया।
व्यवस्था में संजय कपूर, संतोष कपूर, अनिल टंडन, लीना कपूर, रेनू टंडन, ज्ञान प्रकाश गुप्ता, नीरे गुप्ता, नरेंद्र सक्सेना, अमन सक्सेना सहित कई अन्य सदस्य सक्रिय रहे।