शाहजहांपुर:- सिर्फ़ फ़िल्म में नहीं हक़ीक़त में भी लगता है इस गाँव में कोर्ट,गाँव के खुले मैदान में लगा चकबंदी न्यायालय

Spread the love

 

क्सर लोग फ़िल्मों में देखते हैं कि अधिकारी गाँव में पहुँच कर ग्रामीणों को बुलाकर वहीं कोर्ट लगा देते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान कर देते हैं। यह वास्तव में भी होता है इसका हक़ीक़त का नज़ारा मंगलवार को उस समय नज़र आया जब अपरजिलाधिकारी अरविंद कुमार
ने ग्राम सिकंदर पुर कला में खुले मैदान में चकबंदी न्यायालय लगातार ग्रामीणों की समस्याओं को सुना और उनके समाधान के लिए हर संभव प्रयास का आश्वासन दिया
ग्राम में पिछले 25 सालों से चकबंदी से वाद न्यायालय में लंबित है। ग्रामीण तारीख़ पर तारीख़ ले रहे हैं। इसी के मद्देनज़र अधिकारियों ने खुले मैदान में न्यायालय लगाकर लोगों की समस्याओं के हल को तलाश करने का प्रयास किया
ग्राम सिकंदरपुर कला में 25 साल से लंबित चकबंदी का मामला को गति देने के लिए जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने समीक्षा के बाद एडीएम वित्त राजस्व अरविंद कुमार को कार्यवाही की जिम्मेदारी सौंपी थी गांव में 1998 में धारा 4 का गजट प्रकाशित हुआ था। 2002 से चकबंदी की कार्यवाही शुरू की गई। लेकिन अब तक यह कार्य पूरा नहीं हो सका। इससे ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।”
“एडीएम अरविंद कुमार मंगलवार को गांव पहुंचे। उन्होंने ग्राम प्रधान और ग्रामवासियों की समस्याएं सुनीं। ग्रामीणों को 27 जून की सुबह 10 बजे तक अपनी शिकायतें लिखित रूप में एसीओ , चकबंदी कानूनगो और लेखपाल को देने के निर्देश दिए हैं।”
“एडीएम ने चकबंदी अधिकारीयो और चकबंदी कानूनगो को एक माह में चकबंदी का कार्य पूरा करने का आदेश दिया है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस कार्य में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।ग्राम न्यायालय में राजरानी बनाम मंगली केस की भी सुनवाई की गई। उप संचालक चकबंदी न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आदेश सुरक्षित कर लिया है।”

और पढ़े  अयोध्या-  सिद्ध पीठ हनुमत निवास में 10 दिवसीय अखंड रामायण और हनुमान चालीसा पाठ का भव्य समापन

अपर जिला अधिकारी ने पायनियर को बताया एक
गरीब आदमी कल मेरे कोर्ट में आया वह पुराना दुराना वस्त्र पहने था , कहने लगा साहब हमारा मुकदमा सालों से चल रहा है लड़ते लड़ते थक गए है। अपर जिलाधिकारी ने पूछा कि यहां आने जाने में कितना किराया लगता है बोला 200 रुपया किराया और बिना खाए पीए आता हु । और आस लगाए कि अब सुनवाई होगी । उस व्यक्ति को देखकर एडीएम अरविन्द कुमार ने कहा अब आपको नहीं आना पड़ेगा। मै कल स्वयं आऊंगा और आपका केस फाइनल करूंगा। बुजुर्ग कोर्ट के सामने हाथ जोड़ते खुशी का ठिकाना नहीं रहा है।

 


Spread the love
  • Related Posts

    मंजू हत्याकांड: CRPF जवान की पत्नी का कत्ल..बीच सड़क पर गोलियों से भून डाला, ऐसी वारदात ने दहला दिया दिल

    Spread the love

    Spread the love   आगरा के फतेहाबाद क्षेत्र के गांव सारंगपुर मार्ग पर शुक्रवार शाम को कोर्ट में तारीख कर लाैट रही मंजू (35) की गोली मारकर हत्या कर दी…


    Spread the love

    राज्य के होम्योपैथी मेडिकल स्टोर के लाइसेंसों की जांच होगी,सामने आईं थीं गड़बड़ियां

    Spread the love

    Spread the love     होम्योपैथी विभाग के निदेशक प्रो. एके वर्मा के निलंबन के बाद अब उनके कार्यकाल से जारी मेडिकल स्टोर के लाइसेंसों की जांच होगी। इसके लिए…


    Spread the love