पश्चिम बंगाल में रविवार सुबह रामनवमी का जश्न जोशपूर्ण जुलूसों और ‘जय श्री राम’ के नारों के साथ शुरू हुआ। इस दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई। सड़कों पर उत्सव का माहौल साफ देखा जा सकता है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने रविवार को रामनवमी के अवसर पर पूर्व मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम में राम मंदिर की आधारशिला रखी। अधिकारी नंदीग्राम से भाजपा विधायक हैं, जहां 2007 में वाम मोर्चा शासन के दौरान तृणमूल कांग्रेस द्वारा लंबे समय तक भूमि अधिग्रहण विरोधी आंदोलन चलाया गया था। राम मंदिर की आधारशिला सोनाचूरा गांव में रखी गई, जहां 6 जनवरी, 2007 को स्थानीय प्रशासन द्वारा भूमि अधिग्रहण का विरोध कर रहे कम से कम सात लोगों की बदमाशों द्वारा की गई गोलीबारी में मौत हो गई थी।
समर्थकों और भक्तों द्वारा ‘जय श्री राम’ के नारों के बीच, भगवा रंग में लिपटे अधिकारी ने मंदिर की आधारशिला रखी। इससे पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता सोनाचूरा में शहीद मीनार से प्रस्तावित मंदिर स्थल पर पहुंचे और रामनवमी रैली का नेतृत्व किया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस महीने के अंत में पूर्व मेदिनीपुर जिले के समुद्र तटीय शहर दीघा में जगन्नाथ मंदिर का उद्घाटन भी करेंगी।
भाजपा नेता लॉकेट चटर्जी ने कहा, “जैसे हम लोग दुर्गापूजा मनाते हैं वैसे ही राम नवमी मनाया जा रहा है। पश्चिम बंगाल के घर-घर में राम छा गए हैं… ये हमारे धर्म की चीज है। हमें कोर्ट से अनुमति लेनी होती है… बंगाल पुलिस, पुलिस ना रहकर कैडर हो गई है।”
केंद्रीय मंत्री व पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने कहा, “बंगाल में हिंदू दूसरे दर्जे के नागरिक हैं… राम सबके हैं, सभी दल जुलूस में हिस्सा लें। हम कह रहे हैं कि CPM को भी रामनवमी जुलूस में भाग लेना चाहिए, TMC को भी ऐसा करना चाहिए, आपको कौन रोक रहा है… भगवान श्री राम का चुनाव से कोई संबंध नहीं है, भगवान राम लोगों के दिल में रहते हैं, वे भारत की आत्मा हैं, चुनावों का उनसे कोई संबंध नहीं है।”