नागा संतों ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
पंच रामानंदी निर्माणी अखाड़ा हनुमानगढ़ी अयोध्या के प्रमुख विद्वान संत एवं जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी हर्याचार्य महाराज के शिष्य व अयोध्या धाम प्रकाशिका समिति के संस्थापक आचार्य रामदेव दास शास्त्रत्त्ी को उनके त्रयोदशा संस्कार के मौके पर नागा संतों ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष व सागरिया पट्टी के महंत ज्ञानदास महाराज ने कहा कि हनुमानगढ़ी में शस्त्रत्त् व शास्त्रत्त् दोनों में प्रवीण संतों की बहुलता रही है।
आचार्य रामदेव दास ने शास्त्रत्त् को प्रमुखता देते हुए अपनी विद्वता प्रमाणित की और शास्त्रत्त्ज्ञ के रूप में प्रतिष्ठित हुए। उनके गुरुभाई जगद्गुरु रामदिनेशाचार्य ने भावांजलि अर्पित करते हुए बताया कि आचार्य दास ने श्री रामस्तव राज, नारी तू नारायणी मानस सूक्ति विमर्श अवध सौरभ पत्रिका, श्री संप्रदाय आचार्य दर्शन, श्री हनुमान बाहुक भक्ति भूषण भाग, श्री कपिल मुनि चरितामृत, श्रीमंत्रराज पूरश्चरण पद्धति ,एवं प्राचीन श्री राम रक्षा स्त्रत्तेत की व्याख्या, बाल्मीकि रामायण स्वाध्याय तथा भारतीय संस्कृति में आर्यवर्त की अयोध्या, पुस्तकों की रचना की।
इसके पहले गद्दी नशीन महंत प्रेमदास, निर्वाणी अखाड़ा के महंत मुरली दास, निवर्तमान महंत धर्मदास, संकट मोचन सेना अध्यक्ष महंत संजय दास, प्रधानमंत्री माधव दास, हनुमत संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डा. महेश दास, महंत रामचंद्रन दास, कैसरगंज सांसद व राष्ट्रीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह, महंत बलराम दास, महंत रामकुमार दास, पहलवान हेमंत दास, राजेश दास पहलवान, महंत इंद्रदेव दास पहलवान, मनीराम दास, महंत जनार्दन दास, कृष्ण कांत दास, उपेन्द्र दास, मामा दास, भआनउपआल दास, नंदराम दास, पुजारी राजूदास, पुजारी रमेश दास व सुरेन्द्र दास सहित अन्य प्रमुख रूप से शामिल रहे।
साकेत वासी महंत रामदेव दास के शिष्य सहदेव दास, अभिषेक दास व विवेक दास ने अतिथियों का स्वागत किया।