
चोरगलिया रोड पर रेलवे फाटक से गौलापार स्टेडियम तक बनने वाली सड़क के निर्माण के लिए 150 पेड़ काटे गए। लोक निर्माण विभाग का ठेकेदार बिना रवन्ना कटाए पेड़ काट ले गया। इस पर वन विभाग ने लोनिवि के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। हैरत यह है कि दो माह बाद भी न जुर्माने का निर्धारण किया गया और न कार्रवाई हुई। पिछले साल गौला नदी के उफान पर आने से चोरगलिया रेलवे फाटक से गौला पुल के बीच सड़क वह गई थी। टूटी सड़क से यहां आवागमन सिंगल लेन हो गया है। इससे जाम लग रहा है और हादसों का भी अंदेशा बना हुआ है। सड़क निर्माण के लिए पीडब्ल्यूडी ने प्रस्ताव बनाया। इसमें 150 पेड़ आड़े आ रहे थे। इस पर लोक निर्माण विभाग ने वन विभाग से पेड़ काटने की अनुमति ली।
पेड़ कटाने के लिए टेंडर जारी हुए। ठेकेदार पेड़ कटवाकर उन्हें उठा ले गया। इसके बावजूद लोनिवि ने वन विभाग को शुल्क जमा कर रवन्ना नहीं कटवाया। इस पर वन विभाग ने पीडब्ल्यूडी के खिलाफ मार्च में मुकदमा दर्ज कराया था, लेकिन दो माह बाद बीच गए, न तो जुर्माने का निर्धारण हो पाया और न ही कार्रवाई हुई।
इस संबंध में डीएफओ हिमांशु बागरी ने बताया कि पेड़ काटने की अनुमति तो दी थी लेकिन लकड़ी उठाने से पहले शुल्क जमा करना होता है जो उन्होंने नहीं किया। रवन्ना न कटाने की वजह से गौला रेंज में पीडब्ल्यूडी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। मामले की जांच जारी है।