H5N1 Virus: पहली बार दूध में पाया गया ‘जानलेवा वायरस’, कोरोना से भी घातक है इसका संक्रमण

Spread the love

H5N1 Virus: पहली बार दूध में पाया गया ‘जानलेवा वायरस’, कोरोना से भी घातक है इसका संक्रमण

अध्ययनों में वैज्ञानिक चेतावनी जारी करते रहे हैं कि आगामी दशकों में दुनियाभर में कई प्रकार की जानलेवा संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। हालिया रिपोर्ट इस चिंता को और भी बढ़ा रही है। इसी माह की शुरुआत में पहली बार गायों और गाय से इंसानों में खतरनाक बर्ड फ्लू या एवियन इन्फ्लूएंजा (एच5एन1) संक्रमण के मामले देखे गए थे।

इसी क्रम में अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने खुलासा किया है बर्ड फ्लू का वायरस गाय के कच्चे दूध में भी पाया गया है। इतना ही नहीं दूध में वायरस बहुत उच्च सांद्रता देखा गया है। इस रिपोर्ट के आधार पर स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी जारी करते हुए सभी लोगों को सावधानी बरतते रहने की सलाह दी है।

इससे पहले अप्रैल की शुरुआत में अमेरिका में कुछ लोगों और मवेशियों में बर्ड फ्लू के मामले सामने आने के बाद विशेषज्ञों ने अलर्ट जारी किया था। एच5एन1 के संक्रमण को इंसानों के लिए गंभीर रोगकारक और घातक माना जाता रहा है।

इतना ही नहीं वैज्ञानिकों का कहना है कि इंसानों में एच5एन1 का संक्रमण कोरोना से कई गुना घातक हो सकता है।

पाश्चुरीकृत दूध हो सकता है सुरक्षित

स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया है कि सुपरमार्केट में उपलब्ध पाश्चुरीकृत दूध उपभोग के लिए सुरक्षित रहता है, इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। बाजार में बिकने वाला पैक्ड दूध ऐसी प्रक्रिया से गुजरता है जो हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म कर देता है, इनमें वायरस की मौजूदगी का जोखिम कम है।

और पढ़े  एस.जयशंकर- विदेश मंत्री एस जयशंकर नीदरलैंड दौरे पर,आतंकवाद के खिलाफ समर्थन के लिए जताया आभार

न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, गायों में बर्ड फ्लू के प्रकोप ने छह राज्यों में कम से कम 13 हर्ड्स को प्रभावित किया है। इसी क्रम में जब आगे अध्ययन किया गया तो पता चला कि गाय के कच्चे दूध में भी वायरस मौजूद हो सकता है।

कई जानवरों में पाया जा चुका है ये वायरस

गौरतलब है कि सबसे पहले साल 1996 में बर्ड फ्लू (एच5एन1) का मामला सामने आया और तब से इसमें नाटकीय रूप से वैश्विक स्तर पर वृद्धि हुई है। 2020 के बाद से बर्ड फ्लू के प्रकोप के कारण दुनियाभर में लाखों जंगली पक्षियों और मुर्गियों की मौत हुई। चिंताजनक बात यह है कि इस वायरस ने मनुष्यों, बिल्लियों, भालू, लोमड़ी, मिंक और यहां तक कि पेंगुइन सहित विभिन्न स्तनधारियों को भी संक्रमित करना शुरू कर दिया है।

स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि सभी लोगों को उन जानवरों के निकट संपर्क से बचने की जरूरत है जिनमें संक्रमण को लेकर अलर्ट किया जाता रहा है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

विश्व स्वास्थ्य संगठन में वैश्विक इन्फ्लूएंजा कार्यक्रम के प्रमुख वेन्किंग झांग ने हाल ही में एक ब्रीफिंग के दौरान कहा कि मौजूदा प्रकोपों के दौरान पक्षी से गाय, गाय से अन्य गायों और गाय से इंसानों में भी वायरस का संचरण रिपोर्ट किया गया है, जो बताता है कि वायरस ने संक्रमण के अन्य मार्ग ढूंढ लिए हैं।

दूध में वायरस के पाए जाने के बाद झांग ने कहा, लोगों के लिए सुरक्षित खाद्य व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है, जिसमें केवल पाश्चुरीकृत दूध के ही सेवन को फिलहाल उपयोग में लाया जाना चाहिए। जिससे कि उनमें किसी भी प्रकार के वायरस की मौजूदगी के खतरे को कम किया जा सके।

और पढ़े  Fraud Case: एक बार फिर लगा भगोड़े नीरव मोदी को झटका, ब्रिटेन की हाई कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका

कोरोना से ज्यादा खतरनाक है H5N1

अध्ययनकर्ताओं ने बताया, मनुष्यों में बर्ड फ्लू कई गंभीर और घातक जटिलताओं का कारण बन सकता है, जिनमें आंखों में संक्रमण से लेकर निमोनिया, अक्यूट रेस्पोरेटरी डिजीज जैसी समस्याएं शामिल हैं। साल 2003 से इस वर्ष एक अप्रैल के बीच, डब्ल्यूएचओ ने 23 देशों में इंसानों में संक्रमण के 889 मामले और 463 मौतें दर्ज की हैं। इस संक्रमण के कारण मृत्यु दर 52% तक बताई जाती रही है जिससे स्पष्ट होता है कि ये कोरोना संक्रमण से कहीं ज्यादा घातक संक्रमण हो सकता है।


Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!