नैनीताल / हल्द्वानी- हाईकोर्ट के निर्देश के बाद फईम की मौत मामले की जांच के लिए SIT गठित, इंस्पेक्टर भाकुनी का पिथौरागढ़ तबादला

Spread the love

 

नभूलपुरा हिंसा के वक्त गोली लगने से फईम की मौत के मामले में हाईकोर्ट के निर्देश के बाद एसआईटी गठित कर दी गई। इसमें शामिल अधिकारियों के नामों की जानकारी पुलिस मुख्यालय की ओर से बृहस्पतिवार को दे दी गई। साथ ही बनभूलपुरा के थाना प्रभारी नीरज भाकुनी का तबादला पिथौरागढ़ किए जाने की बात हाईकोर्ट को बताई गई।

फईम के भाई परवेज ने मामले को हत्या का बताते हुए सीबीआई जांच की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस पर लगातार दूसरे दिन बृहस्पतिवार को मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने सुनवाई की। कोर्ट ने सरकार के जवाब से असंतुष्ट होकर एसआईटी की जानकारी ली। पुलिस मुख्यालय ने उन्हें बताया कि पीपीएस अधिकारी एसपी क्राइम व ट्रैफिक जगदीश चंद्रा, सीओ नितिन लोहनी, एसआई प्रमोद पाठक व दो अन्य को नामित किया गया है। न्यायालय ने इस पर अपनी संस्तुति दे दी। इसमें एसपी जगदीश चंद्र एसआईटी को लीड करेंगे। टीम हर माह प्रोग्रेसिव रिपोर्ट न्यायालय में दाखिल करेगी। न्यायालय ने यह भी कहा कि डीजीपी और गृह सचिव एसआईटी की सभी जरूरतों को पूरा करेंगे।

खंडपीठ ने पुलिस जांच को अजब गजब बताते हुए जांच अधिकारी नीरज भाकुनी को जिले से बाहर तबादला करने को कहा था। इस पर न्यायालय को बताया गया कि उन्हें पिथौरागढ़ जिले भेज दिया गया है।

इसलिए भाई पहुंचा हाईकोर्ट
परवेज ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि नैनीताल के सीजेएम ने पुलिस को छह मई 2024 को निर्देश दिए थे कि फईम की गोली लगने से मौत के मामले में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की जाए। पुलिस ने सही से इसकी जांच नहीं की। तब परवेज ने मामले की सीबीआई से जांच कराने व परिवार को सुरक्षा दिलाने को लेकर याचिका दायर की थी। इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को हाईकोर्ट ने एसआईटी गठित करने के निर्देश दिए थे।

और पढ़े  नैनीताल हाईकोर्ट: मानसून में पंचायत चुनाव जारी रखने की मिली अनुमति,कहा- राज्य की तैयारियों से हाईकोर्ट संतुष्ट

 

यह था मामला
याचिकाकर्ता परवेज का कहना था कि आठ फरवरी 2024 को फईम की गोली लगने से मौत हो गई थी। परिजनों ने इसकी जांच कराने के लिए पुलिस और प्रशासन से कई बार शिकायत की, लेकिन पुलिस ने न तो इसकी जांच की और न ही मुकदमा दर्ज किया। सीजेएम के कोर्ट में वाद दायर करने पर मुकदमा दर्ज हो सका। मजिस्ट्रेट ने पुलिस को मुकदमा दर्ज करने और उसकी रिपोर्ट पेश करने को कहा। लेकिन अब तक पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की। याचिका में कहा कि फईम की मौत हिंसा के दौरान नहीं, बल्कि अज्ञात लोगों की गोली मारने से हुई।

 

 

 


Spread the love
  • Related Posts

    नैनीताल हाईकोर्ट- उच्च न्यायालय ने अधिकारियों को अंग्रेजी न आने पर उठाए सवाल, जानिये क्या है पूरा मामला

    Spread the love

    Spread the love     हाईकोर्ट ने नैनीताल जिले के बुधलाकोट ग्रामसभा में क्षेत्र से बाहरी लोगों का नाम पंचायत चुनाव की वोटर लिस्ट में शामिल करने के मामले में…


    Spread the love

    ऋषिकेश- 28 कांवड़ियों से भरा ट्रक पलटा, तीन की हालत गंभीर, हायर सेंटर किया गया रेफर

    Spread the love

    Spread the love   देहरादून-ऋषिकेश मोटर मार्ग पर हादसा हो गया। नीलकंठ मंदिर जलाभिषेक के लिए जा रहे कांवड़ियों से भरा एक ट्रक सात मोड़ के समीप दुर्गा माता मंदिर के…


    Spread the love