दीपदान पर्व पर मंगलवार की शाम करीब पांच बजे बजे से ही हाईवे 09, मेला रोड और अन्य संपर्क मार्गों पर भीषण जाम लग गया। ब्रजघाट में हाईवे पर करीब तीन किलोमीटर लंबे जाम में फंसकर श्रद्धालुओं को भारी परेशानी उठानी पड़ी। जबकि हापुड़ में भी बाईपास पर कई किलोमीटर लंबा जाम लगा रहा। कुल मिलाकर घंटों तक श्रद्धालु हाईवे पर ही फंसे रहे। देर शाम हालात बिगड़ने पर स्याना चौराहे से ब्रजघाट जाने वाले सभी वाहनों को रोक दिया गया, जिसके कारण लोग पैदल ही ब्रजघाट पहुंचे।
वर्ष भर में दिवंगत हुए परिजनों की आत्मा की शांति के लिए दीपदान का महत्व गढ़ खादर में कच्चे घाटों पर ही माना जाता है। इसके साथ ब्रजघाट, पूठ में भी लोग दीपदान की परंपरा का निर्वहन करने के लिए पहुंचते हैं। जिस कारण मंगलवार की दोपहर बाद से ही मेला रोड और राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों का दबाव बढ़ने लगा। हापुड़ जिले के छिजारसी और ब्रजघाट टोलों पर वाहनों की लंबी लंबी लाइनें लग गईं। हापुड़ बाइपास पर कई किलोमीटर लंबा जाम रहा। दोपहर बाद यहां वाहन रेंगते रहे।
इसके अलावा करीब पांच बजे ब्रजघाट गंगा पुल पर भी भीषण जाम की स्थिति रही। वहीं, कार्तिक पूर्णिमा मेला मार्ग पर भी मेला स्थल से नक्का कुआं मंदिर तक सड़क पर दोनों तरफ वाहनों के पहिए थम गए। यह स्थिति तब बनी जब पुलिस ने मेला मार्ग पर पहले ही वाहनों के लिए निशुल्क पार्किंग की व्यवस्था की गई थी। इसके बावजूद भी ट्रैक्टर ट्राली, भैंसा बुग्गी, कार, ऑटो समेत अन्य वाहन जाम के झाम में फंस गए। वाहनों का दबाव बढ़ता देख मीरा रेती, चक लठीरा, शाहपुर मार्ग, स्याना मार्ग, ठंडी सड़क से श्रद्धालुओं को निकाला गया। जिससे इन सभी लिंक मार्गों पर भी जाम की स्थिति बन गई।

रूट डावयर्जन ने बढ़ाई श्रद्धालुओं की परेशानी, छह किलोमीटर पैदल चले
हाईवे और संपर्क मार्गां को जाम मुक्त रखने के लिए वाहनों का आवागमन बंद कर रूट डायवर्जन किया गया है। जिन रास्तों पर जाम की स्थिति बनी हैं, वहां पर अतिरिक्त फोर्स भेजकर जाम खुलवाया जा रहा है। श्रद्धालुओं को परेशानी नहीं होने दी जाएगी।
एसपी ज्ञानंजय सिंह ने बताया कि गंगा मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं, ऐसे में वाहनों का दबाव अधिक होने के कारण जाम की स्थिति पैदा हुई। लेकिन यातायात और स्थानीय पुलिस लगातार व्यवस्था में तत्पर रही।







