रामनगरी की धरती शनिवार को आस्था के सागर में डुबकी लगाती नजर आई। पंचकोसी परिक्रमा के पथ पर जब लाखों श्रद्धालु रामनाम का गान करते आगे बढ़े तो लगा मानो पूरी नगरी भक्ति की माला में पिरोई जा रही हो। पांच कोस की परिधि पर आस्था के 20 लाख मनके गूंथ गए, हर मनका किसी संकल्प, किसी श्रद्धा, किसी भक्ति का प्रतीक था।
हनुमानगढ़ी में सुबह तीन बजे से ही मिलने लगे दर्शन
आस्था का पथ नापकर पुण्यार्जन करने के बाद श्रद्धालु अपने आराध्य के दरबार में माथा टेकना नहीं भूले। सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी में भीड़ का सर्वाधिक दवाब रहा। हनुमानगढ़ी के पुजारी रमेश दास ने बताया कि भीड़ को देखते हुए मंदिर को डेढ़ घंटे पहले तीन बजे ही खोल दिया गया। मंदिर एक बार खुला तो पूरे दिन व देर शाम शयन आरती तक जयकारे गूंजते रहे। इसी तरह रामलला के दरबार में भी दो लाख से अधिक भक्तों ने हाजिरी लगाई।

सरयू में डुबकी लगाने की दिखी होड़
सरयू तट से नयाघाट मार्ग श्रद्धालुओं से पटा रहा। उधर श्रीराम अस्पताल से लेकर पूरा रामकोट जयकारों से गूंजता रहा। नयाघाट से लेकर रामघाट तक का पूरा इलाका लोकगीतों व जयघोष से गुंजायमान होता रहा। सरयू के घाटों पर स्नान की होड़ सी दिखी। आरती घाट, लक्ष्मण घाट, संत तुलसी दास घाट पर तिल रखने की जगह नहीं थी। यहां जल पुलिस लाउडस्पीकर से भक्तों को गहरे पानी में स्नान न करने की हिदायत देती रही।
भक्ति-भाव में डूबी दिखी साधु-संतों की टोली
पंचकोसी परिक्रमा में बड़ी संख्या में संत-धर्माचार्य भी शामिल हुए। हरकीर्तिन में मगन साधु-संतों की टोली परिक्रमा पथ पर भक्ति भाव में डूबी दिखी। हरिकीर्तन करते हुए साधु-संत व भक्त पूरे उत्साह के साथ परिक्रमा पथ पर बढ़े जा रहे थे। संत एमबी दास परिक्रमा का लाइव करते नजर आए। बोले कि इस दृश्य को देश-दुनिया के अपने भक्तों को भेजेंगे ताकि वे भी सनातन की शक्ति जान सकें।








