ईडी की कार्रवाई: कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामले में कार्रवाई, ED ने श्रीसन फार्मा के सात ठिकानों पर की छापेमारी

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कोल्ड्रिफ कफ सिरप से कई बच्चों की मौत के मामले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए श्रीसन फार्मा के चेन्नई स्थित ठिकानों और तमिलनाडु ड्रग कंट्रोल विभाग के अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी की है। यह छापेमारी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की गई है। जिन ठिकानों पर छापेमारी की गई है, उनमें तमिलनाडु औषधि नियंत्रण कार्यालय (ड्रग कंट्रोल विभाग) के शीर्ष अधिकारियों के आवास भी शामिल हैं। यह कार्रवाई ईडी द्वारा मध्य प्रदेश और तमिलनाडु में श्रीसन फार्मास्युटिकल्स के खिलाफ दर्ज पुलिस शिकायतों का संज्ञान लेते हुए धन शोधन विरोधी कानून के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज होने के बाद की गई।

श्रीसन फार्मा के मालिक जी रंगनाथन की भी हो चुकी गिरफ्तारी
कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने की वजह से मध्य प्रदेश राजस्थान में हाल के दिनों में 20 से ज्यादा बच्चों की मौत हुई है। मौत होने की वजह किडनी खराब होना रहा। श्रीसन फार्मा कंपनी द्वारा ही कोल्ड्रिफ कफ सिरप का उत्पादन किया जाता है। इस मामले में कंपनी के मालिक 73 वर्षीय जी रंगनाथन को भी 9 अक्तूबर को गिरफ्तार किया जा चुका है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की जांच में कंपनी और तमिलनाडु खाद्य एवं औषधि प्रशासन (टीएनएफडीए), दोनों के द्वारा तय मानकों के उल्लंघन का खुलासा हुआ। जिसमें कंपनी का खराब बुनियादी ढांचा और बार-बार सुरक्षा चूक का पता चला। कांचीपुरम स्थित श्रीसन फार्मा ने अपने खराब बुनियादी ढांचे और राष्ट्रीय औषधि सुरक्षा नियमों के कई उल्लंघनों के बावजूद एक दशक से अधिक समय तक बिना किसी रोक-टोक के परिचालन जारी रखा।

 

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औषधि नियंत्रकों के खिलाफ हुई कार्रवाई
बच्चों की मौत के बाद, मध्य प्रदेश सरकार ने दो औषधि निरीक्षकों और एफडीए के एक उप निदेशक को निलंबित कर दिया। साथ ही राज्य के औषधि नियंत्रक का तबादला भी कर दिया और मौतों की जांच के आदेश दिए, जबकि पुलिस ने लापरवाही के आरोप में छिंदवाड़ा जिले के एक डॉक्टर को गिरफ्तार किया। तमिलनाडु सरकार ने राज्य के दो वरिष्ठ औषधि निरीक्षकों को भी निलंबित कर दिया है और श्रीसन फार्मास्युटिकल्स को बंद करने का आदेश दिया है।

कफ सिरप में पाई गई डाइएथिलीन ग्लइकॉल की घातक मात्रा
बच्चों की मौत के बाद कोल्ड्रिफ सिरप की जांच में उसमें डाइएथिलीन ग्लाइकॉल की घातक मात्रा पाई गई। यह एक ऐसा रसायन है, जिसका इस्तेमाल अक्सर एंटीफ्रीज में किया जाता है, जिसे कई राज्यों में प्रतिबंधित कर दिया गया है। माना जाता है कि इस सिरप के कारण बच्चों की किडनी खराब हुई। बच्चों को हल्की खांसी और बुखार के लिए यह सिरप दिया गया था।


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