यज्ञ एवं योग के प्रेरक और प्रसिद्ध आर्य विद्धान आचार्य गुरुदत्त आर्य (94) का लंबी बीमारी के बाद देहावसान हो गया। श्री शुकदेव आश्रम शुकतीर्थ के पीठाधीश्वर स्वामी ओमानंद महाराज और डीएम उमेश मिश्रा समेत अन्य गणमान्य लोगों ने आवास पर पहुंचकर श्रद्धाजंलि अर्पित की। अंतिम संस्कर वैदिक रीति-रिवाज से नई मंडी स्थित मोक्षधाम पर किया गया। आर्य लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे। चार दिन पहले गांधी कॉलोनी के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने रविवार तड़के चार बजे अंतिम सांस ली। उनके संतोष विहार स्थित आवास पर गणमान्य लोग पहुंचे और श्रद्धासुमन अर्पित किए गए।
स्वामी ओमानंद महाराज ने बताया कि आर्य ने निष्काम भाव से सनातन संस्कृति की सेवा कर समाज का उत्थान किया। नई मंडी के मोक्ष धाम में वेद मंत्रोच्चार के साथ आचार्य की अंत्येष्टि की गई। गुरुकुल नजीबाबाद से पधारीं आचार्या प्रियम्वदा वेद भारती और आचार्य संजीव ने वेदपाठ किया। मुखाग्नि बड़े पुत्र ओमदत्त आर्य ने दी।







