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अयोध्या: आशियाना तो नदी लील गई,मजदूरी करके किसी तरह काट रहे दिन,आपबीती बताते हुए छलक पड़ीं आंखें

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योध्या में रामपुर पुवारी माझा क्षेत्र में पिछले एक माह से सरयू नदी की कटान ने कई परिवारों को बेघर कर दिया है। इस कटान से प्रभावित हुए परिवार आज भी संघर्ष कर रहे हैं। असरफा ,शकूरनिशा, राहुल और शीला प्रभावित परिवारों की हालत बेहद कठिन है। उनके घर, संपत्ति और आशियाने नदी की धारा में समा गए हैं। अब उनके पास रहने के लिए एक धुर भी जमीन नहीं बची है।

ग्राम प्रधान रमेश निषाद ने बताया कि कई बार इन पीड़ितों की स्थिति को लेकर अधिकारियों को सूचित किया गया, लेकिन अयोध्या मेला ड्यूटी में व्यस्त रहने के कारण प्रशासन ने इन लोगों की मदद में कोई तत्परता नहीं दिखाई। कटान से प्रभावित इन परिवारों ने अब इधर-उधर मेहनत-मजदूरी कर किसी तरह अपने परिवार का पेट पालने की कोशिश शुरू कर दी है।

पुनः बसाने की प्रक्रिया की जारी है

प्रशासन की कड़ी मेहनत के बाद भी कटान को रोकने में सफलता प्राप्त की हुई। साथ ही प्रभावित परिवारों को उचित राहत और पुनर्वास की आवश्यकता बनी हुई है। लेखपाल देश दीपक ने बताया कि कटान से प्रभावित परिवारों की स्थिति बेहद नाजुक है। प्रशासन की मदद से इनकी कठिनाइयां थोड़ी कम हो सकती हैं। लोगों को उपहार में जमीन देकर पुनः बसाने की प्रक्रिया की जा रही है, जो बहुत जल्द पूरी हो जाएगी।

 

पीड़ितों ने बयां किया दर्द

असरफा ने बताया कि उनका पूरा घर और सामान सरयू नदी में बह गया है। अब वे अपनी जीवन-यापन के लिए घास-फूस की झोपड़ी में जीवन बिता रहे हैं। शकूरनिशा ने कहा कि उनका घर नदी के कटान से बर्बाद हो गया। अब वे अपने बच्चों के साथ सड़क पर झोपड़ी डालकर रह रही हैं।

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झोपड़ी में रहकर दिन काट रहे

शीला ने बताया कि उनके पास अब किसी प्रकार की स्थिरता नहीं है। वे रोज़गार की तलाश में इधर-उधर भटक रही हैं। राहुल ने कहा कि हाल ही में आई बाढ़ से उनका घर नदी में समा गया था। आज तक उन्हें कहीं भी रहने के लिए जमीन नहीं मिली है। अब वे अपने परिवार के साथ झोपड़ी में रहकर दिन काट रहे हैं। भविष्य की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है।

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