अयोध्या – राम जन्मभूमि परिसर मंदिर निर्माण से पहले सरयू के लहरों से नींव को बचाने के लिए मोटी दीवार तैयार की जा रही है। जिसे रिटेनिंगवाल कहा जाता है। यह दीवार मंदिर के नींव को लंबे समय तक सुरक्षित रखेगा। ट्रस्ट के मुताबिक रिटेनिंगवाल के भराई का कार्य लगभग 60 प्रतिशत पूरा हो गया है। और आगे बरसात आने से पहले यह कार्य समाप्त हो जाएगा।
राम मंदिर निर्माण का कार्य आधुनिक तकनीकी के माध्यम से किया जा रहा है। मंदिर के नींव को तैयार किये जाने के बाद फाउंडेशन पर मंदिर के फर्श को बनाने के लिए ग्रेनाइट के पत्थरों को लगाया जा रहा है। जिस पर राजस्थान के पत्थरों से मंदिर निर्माण का कार्य प्रारंभ होगा। इस कार्य से पहले मंदिर के नींव को मजबूती देने का कार्य किया जा रहा है। भूकम्प व सरयू लहरों इसे प्रभावित न कर सके इसके लिए मंदिर चारों तरफ रिटेनिंगवाल बनाया जाएगा। जिस कार्य भी प्रारम्भ हो गया है। जिसकी शुरू मंदिर पश्चिम दिशा से किया गया है। इस दिशा में सरयू की लहर भी तेजी बहाव भी होता है।
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉक्टर अनिल मिश्रा के मुताबिक मंदिर के पश्चिम दिशा में 12 मीटर गहरी मोटी दीवार बनाया जा रहा है। जिसमे अब तक 60 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। आगे भी इस कार्य को तेजी किया जाएगा जिससे आने वाले वर्षा ऋतु से पहले पूरा किया जा सके। वहीं बताया कि इस कार्य के समाप्त होने के बाद मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों लगाए जाने का कार्य किया जाएगा। उन्होंने बताया कि रिटेनिंगवाल से मंदिर के नींव को और मजबूती मिलेगी।