हिमाचल को देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है। देवभूमि में पौराणिक मान्यताएं, देव आस्था की बातें हर किसी को हैरान कर देती हैं। शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के हलोग धामी में दिवाली के दूसरे रोज सदियों से चली आ रही पत्थर के खेल की अनोखी परंपरा को पूरे उत्साह और जोश से निभाया जाता है। पत्थर के खेल इस खेल में दो पक्षों के बीच तब तक पत्थरबाजी होती है जब तक किसी एक व्यक्ति के सिर से खून न बहने लगे। यह खेल माता सती का शारड़ा चबूतरे के दोनों ओर खड़ी टोलियों जठोती और जमोगी के बीच होता है। सिर से निकले खून से भद्रकाली के मंदिर में जाकर तिलक कर परंपरा को पूरा किया गया। घायल का प्राथमिक उपचार किया जाता है। ढोल-नगाड़ों की थाप के साथ इस पत्थर युद्ध में बड़ी संख्या में युवा शामिल होते हैं, वहीं हजारों की भीड़ ने खेल देखने का आनंद लेती है।