अयोध्या: 500 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद पहली बार प्रभु श्रीराम के जन्म स्थान रामनगरी में अपने भव्य महल में राम नवमी होगी,फूलों और रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगाया राम मंदिर
17 अप्रैल 2024 को देशभर में रामनवमी मनाई जाएगी। इस बार की रामनवमी बेहद खास है। क्योंकि 500 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद पहली बार प्रभु श्रीराम के जन्म स्थान अयोध्या में बने भव्य महल में राम नवमी मनाई जाएगी। राम नवमी के दिन उत्सव मनाने के लिए राम नगरी को सजाया गया है। प्रभु श्री राम का भव्य मंदिर फूलों और रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगाने लगा है। श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से मंदिर की तस्वीरें जारी की गई हैं।
वहीं, रामनवमी के दिन राम लाल भक्तों को 19 घंटे दर्शन देंगे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने केवल राम जन्मोत्सव के दिन यानी 17 अप्रैल को ही दर्शन की अवधि बढ़ाने का निर्णय लिया है। राम जन्मोत्सव के दिन सुबह 3:30 बजे से ही भक्त दर्शन के लिए लाइन में लग सकेंगे। रात 11 बजे तक श्रृंगार, राग-भोग व दर्शन साथ-साथ चलते रहेंगे।
रामनवमी मेले में श्रद्धालुओं को दी जा रही सुविधाओं के बारे में जानकारी देते हुए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि बताया कि श्रीराम नवमी महोत्सव के दौरान मंगला आरती के बाद ब्रह्म मुहूर्त में अति प्रातः 3:30 बजे से अभिषेक, श्रृंगार एवं दर्शन साथ-साथ चलते रहेंगे। श्रृंगार आरती प्रातः 5:00 बजे होगी। श्री रामलला का दर्शन एवं सभी पूजा-विधि यथावत साथ-साथ चलती रहेगी। भगवान को भोग लगाने के लिए समय-समय पर अल्प-काल को पर्दा रहेगा। रात्रि 11:00 बजे तक दर्शन का क्रम पूर्ववत चलता रहेगा। इसके बाद परिस्थिति अनुसार भोग एवं शयन आरती होगी।
तीर्थ क्षेत्र की ओर से बताया गया कि रामनवमी पर शयन आरती के बाद मंदिर निकास मार्ग पर प्रसाद मिलेगा। दर्शनार्थी अपना मोबाइल, जूता, चप्पल, बड़े बैग एवं प्रतिबंधित सामग्री आदि मंदिर से दूर सुरक्षित रखकर आएं। बताया कि वीआईपी दर्शन पर रोक एक दिन बढ़ा दी गई है अब 19 अप्रैल तक वीआईपी दर्शन पर रोक रहेगी। सुगम दर्शन पास, वीआईपी दर्शन पास, मंगला आरती पास, श्रृंगार आरती पास एवं शयन आरती पास नहीं बनेंगे।
16 व 18 अप्रैल को सुबह 6 बजे से होंगे दर्शन
राम मंदिर निर्माण के प्रभारी गोपाल राव ने बताया कि 16 और 18 अप्रैल को रामलला का दर्शन सुबह 6 बजे से ही शुरू हो जाएगा। अभी रामलला के दर्शन 6:30 बजे की श्रृंगार आरती के बाद शुरू होते हैं।