नींद के दौरान हमारे मस्तिष्क से टॉक्सिक बाहर निकलते हैं। अगर मस्तिष्क से टॉक्सिक बाहर नहीं निकलेंगे तो डिमेंशिया होने की आशंका बढ़ जाएगी। सामान्य तौर पर उम्र बढ़ाने के साथ डिमेंशिया या भूलने की समस्या बढ़ती है, लेकिन देर रात तक मोबाइल देखने की आदत से कम उम्र में ही ऐसी समस्याएं होने लगी हैं।
नींद न आने की समस्या है इन्सोम्निया
रात में नींद न आने की बड़ी समस्या इन्सोम्निया रोग है। इसके कई प्रकार हो सकते हैं। ऐसी समस्याओं के लिए खराब नींद की आदत, अवसाद, चिंता, व्यायाम की कमी, पुरानी बीमारी या कुछ दवा हो सकती है। इसमें नींद आने या अच्छी तरह सोने में दिक्कत होती है। इस वजह से आराम की कमी महसूस होती रहती है।
समय पर उपचार जरूरी
अनिद्रा के उपचार में नींद की आदतों में सुधार, व्यवहार थेरेपी और अंतर्निहित कारणों की पहचान करना और उनका इलाज करना शामिल है। डॉक्टरों की सलाह पर नींद की गोलियों का भी उपयोग किया जा सकता है, लेकिन दुष्प्रभावों पर नजर रखनी चाहिए।
दिख सकते हैं यह लक्षण
- नींद में बार बार उठ जाना
- सुबह जल्दी उठ जाना
- खर्राटे के कारण रात में बार बार उठना
सप्ताह में तीन बार नींद खराब तो चिंता का विषय
सप्ताह में यदि तीन दिन या इससे अधिक नींद की समस्या रहे तो यह गंभीर स्थिति हो सकती है। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यह क्यूट इन्सोम्निया हो सकता है। चिंता, तनाव इसका बड़ा कारण हो सकता है। ऐसे मामलों में डॉक्टरों की देखरेख में उचित इलाज हो सकता है। दवा लंबे समय तक नहीं लेनी चाहिए।
हो सकता है यह रोग
- मधुमेह
- उच्च रक्तचाप
- मोटापा