वायु सेना से रात 8 बजे हवाई हमले की चेतावनी मिली। रेड सिग्नल होते ही सायरन गूंजने लगे। लोगों ने बत्तियां बुझाईं और जान बचाने के लिए जमीन पर लेट गए। ये नजारा था ऑपरेशन अभ्यास के तहत हुए ब्लैकआउट व सायरन मॉकड्रिल का।
जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी कलेक्ट्रेट में कंट्रोल रूम पर जमे रहे। सिविल डिफेंस के इस कंट्रोल रूम में लगी हॉट लाइन पर वायु सेना से हवाई हमले का अलर्ट आया। रेड सिग्नल होते ही 5 सेकेंड में 19 स्थानों पर सायरन बजने शुरू हो गए। सिविल डिफेंस के पास हैंड हेल्ड सायरन थे। सायरन और ब्लैक आउट के दौरान बाजार, दफ्तर खुले रहे। बाजारों में ब्लैक आउट का मिलाजुला असर रहा। डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने कहा कि ब्लैकआउट मॉकड्रिल सफल रही। इसका उद्देश्य लोगों को जागरूक करना था।
इन स्थानों पर गूंजे सायरन
एयर रेड वार्निंग के तहत सिविल डिफेंस ने शहर में 15 स्थान चिह्नित किए थे। जहां हैंड मशीनों से सायरन बजाए गए। सायरन कलेक्ट्रेट, मोहनपुरा, नरायच, रुई की मंडी, आईटीआई बल्केश्वर, पानी की टंकी कमला नगर, रावतपाड़ा, सेक्टर-1 आवास विकास कॉलोनी, नरीपुरा, संजय प्लेस स्थित शहीद स्मारक, जयपुर हाउस, भगवान टॉकीज, गुरूद्वारा गुरू का ताल, शिल्पग्राम ताजगंज में बजे।
फिर सक्रिय होगा सिविल डिफेंस
सिविल डिफेंस ने शहर को 6 वार्डों में बांट रखा है। कागजों में 700 वार्डन हैं। लेकिन, धरातल पर 200 से ज्यादा सक्रिय नहीं। इस निष्क्रियता पर डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि सिविल डिफेंस को फिर सक्रिय किया जाएगा। नए लोगों को जोड़कर प्रशिक्षित किया जाएगा। सिविल डिफेंस की स्थापना भारत-चीन युद्ध के बाद की गई थी।
युद्ध के लिए बनेगा एक्शन प्लान
यह तो मॉकड्रिल थी। सोचिए यदि वास्तव में युद्ध छिड़ जाए तो क्या होगा। ऐसे में जिला प्रशासन ने एक प्लान बनाने की बात कही है। इस एक्शन प्लान में आवश्यक वस्तुओं व सेवाओं के अलावा अस्पताल, बेड और चिकित्सकों के साथ पुलिस, प्रशासन एवं सामाजिक संगठनों की भूमिका तय होगी। प्लान को आकस्मिक आपातकाल की स्थिति में लागू किया जा सकेगा।
मॉक ड्रिल: सायरन बजा
ताजमहल पर भी खतरे को देखते हुए मॉक ड्रिल किया। शाम को 7 बजे एएसआई कर्मचारी और सीआईएसएफ के जवानों ने भाग लिया। सायरन बजते ही सभी सक्रिय हो गए। पर्यटकों को बचाकर सुरक्षित स्थानों पर लेकर गए। घायल को स्ट्रेचर पर लेकर अस्पताल पहुंचाया।