शाहजहांपुर –
कथावाचक आसाराम बापू को स्वास्थ्य समस्या के चलते फिर एक बार पैरोल पर रिहा किए जाने के कारण पीड़िता के घर पर अतिरिक्त सुरक्षा बढ़ाई गई है वहीं न्यायालय द्वारा कथावाचक को पैरोल पर रिहा किए जाने पर पीड़िता के पिता ने अपने परिवार की सुरक्षा की चिंता जताने के साथ ही न्यायालय के आदेश पर हैरानी व्यक्त की है।
अपर पुलिस अधीक्षक नगर संजय कुमार सागर ने बुधवार को बताया कि आशाराम को पैरोल मिलने के बाद वह स्वयं पिता के यहां गए और उसके परिजनों से वार्ता की है तथा पीड़िता के घर पर पुलिस की एक गारद पहले से ही तैनात है एवं पीड़िता के पिता के पास एक गनर है ऐसे में अतिरिक्त पुलिसकर्मी बढ़ाई जा रहे हैं तथा संबंधित थाना एवं सर्किल अधिकारी को भी पीड़िता के परिवार की सुरक्षा हेतु आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।
सागर ने बताया कि पीड़िता के घर तथा आसपास सीसीटीवी कैमरा को जो ठीक नहीं है उन्हें ठीक करने के निर्देश दिए गए हैं तथा पीड़िता के पिता को भी कहा गया है कि यदि वह बाहर जाए तो पूर्व सूचना देकर ही बाहर जाएं उन्होंने कहा कि यह चर्चित मामला है ऐसे में हम पिता के परिवार की सुरक्षा की लगातार मॉनिटर कर रहे हैं।
वहीं पीड़िता के पिता ने बताया कि न्यायालय ने कथा वाचक आसाराम बापू को जमानत पैरोल की खबर उन्हें मिली तो वह हैरान हो गए उनकी आंखों की नींद चली गई अब उन्हें अपने परिवार की सुरक्षा की चिंता सता रही है क्योंकि आसाराम जब जेल में था तब उसने चार गवाह को राजकोट के अमृत प्रजापति अखिल गुप्ता रसोईया और लखनऊ के रहने वाले राहुल सचान तथा शाहजहांपुर के कृपाल सिंह की हत्या कर चुका है।
उन्होंने कहा कि आसाराम ने उन पर जेल में बैठकर अपने समर्थकों से चार झूठे मुकदमे जम्मू जोधपुर तथा दिल्ली एवं सूरसागर में दर्ज कराए हैं उनका कहना है की उनके दो गवाह भोलानंद तथा सुरेशानंद अभी भी लापता है पीड़िता के पिता का कहना है कि केंद्र सरकार संसद में कानून बनाती है की नाबालिक पर अत्याचार होने पर उसे फांसी की सजा हो परंतु आसाराम के मामले में न्यायालय लगातार उन पर मेहरबानी दिख रहा है।
यौन शोषण के मामले में सजा काट रहे कथावाचक आसाराम बापू को सुप्रीम कोर्ट ने चिकित्सा कारणों के चलते 31 मार्च 2025 तक जेल से बाहर रहने की अनुमति दी है हालांकि न्यायालय ने जमानत देने से पहले आसाराम को कुछ शर्ते भी रखे हैं आसाराम को 2018 में जेल में रहते हुए 7 दिन की पैरोल मिली जिसे 5 दिन और बढ़ाया गया था बाद में 10 दिसंबर 2024 को 17 दिन की पैरोल मिल चुकी है।
आपको बता दे की 2013 में शाहजहांपुर की रहने वाली एक नाबालिक पीड़िता के साथ आसाराम ने अपने जोधपुर आश्रम में दुराचार किया था जिसका मुकदमा पीड़िता के पिता ने दिल्ली में दर्ज कराया था जिसके बाद न्यायालय ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा दी है इसी मामले में उन्हें पैरोल पर रिहा किया गया है।