पांचवें राज्य खेलों के समापन के अवसर पर मुख्य अतिथि मंडलायुक्त दीपक रावत ने कहा कि वर्तमान में देश-प्रदेश में खेल का स्वर्ण युग चल रहा है। उन्होंने सभी खिलाड़ियों को राष्ट्रीय खेलों के लिए शुभकामनाएं दीं। इस दौरान बालकों में सर्वाधिक पांच स्वर्ण पदक जीतने पर हरिद्वार के पार्क को इलेक्ट्रिक बाइक दी गई। वहीं बालिका वर्ग में सबसे ज्यादा चार स्वर्ण पदक अपने नाम करने वालीं टिहरी की सोनिया को इलेक्ट्रिक स्कूटी देकर सम्मानित किया गया।
शुक्रवार को स्पोर्ट्स स्टेडियम में हुए समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मंडलायुक्त दीपक रावत ने कहा कि सरकार खिलाड़ियों के लिए सभी सुविधाएं मुहैया कराने के साथ ही उनको प्रोत्साहित करने के लिए सरकारी सेवा में भी लाभ दे रही है। ढांचागत विकास के साथ ही सीएम उदीयमान खिलाड़ी जैसी योजनाएं चलाई जा रही हैं।
आयुक्त ने कहा कि खिलाड़ियों को सभी सुविधाएं प्राप्त होने के साथ ही अपने आत्मविश्वास को हमेशा ऊंचा रखना चाहिए। उन्होंने सभी खिलाड़ियों से लक्ष्य निर्धारित करते हुए जनपद, प्रदेश व देश का नाम रोशन करने का आह्वान किया। साथ ही सफल आयोजन के लिए आयोजकों को बधाई। मुख्य अतिथि ने विजेता खिलाड़ियों और टीमों को मेडल भी प्रदान किए।
वहां पर दर्जा मंत्री उत्तम दत्ता, सीडीओ मनीष कुमार, एडीएम पंकज उपाध्याय, सीएमओ डॉ. मनोज शर्मा, एमएनए नरेश दुर्गापाल, एसडीएम किच्छा कौस्तुभ मिश्रा, जिला क्रीडा अधिकारी जानकी कार्की, ओलंपिक संघ के जिलाध्यक्ष डॉ. नागेन्द्र शर्मा, सुरेश चंद पांडे, मुखर्जी निर्वाण सहित अनेक मौजूद रहे।
करीब छह हजार खिलाड़ियों ने किया प्रतिभाग
राज्य ओलंपिक संघ के अध्यक्ष महेश नेगी व कोषाध्यक्ष महेश जोशी ने सभी का आभार जताया। राज्य ओलंपिक संघ के महासचिव डीके सिंह ने बताया कि पांचवें राज्य ओलंपिक खेलों में कुल 33 खेल आयोजित किए गए थे। इनमें 22 खेल ऊधम सिंह नगर में आयोजित हुए थे। राज्य खेलों में करीब छह हजार खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था।
बागेश्वर की बालिका टीम एक रजत से करना पड़ा संतोष
राज्य खेलों में बालक वर्ग में देहरादून ने 50 स्वर्ण, 28 रजत और 32 कांस्य पदक जीते। बालिका टीम ने 24 स्वर्ण, 18 रजत और 26 कांस्य पदक अपने नाम किए। ऊधमसिंह नगर ने बालक वर्ग में 31 स्वर्ण, 46 रजत और 31 कांस्य पदक हासिल किए तो बालिका टीम ने 21 स्वर्ण, 25 रजत और 22 कांस्य पदक जीते। उत्तरकाशी की टीम का सबसे खराब प्रदर्शन रहा। बालक वर्ग में केवल चार कांस्य पदक ही मिल सका जबकि बालिका वर्ग में एक रजत और एक कांस्य पदक हासिल हो सका। बागेश्वर की बालिका टीम ने केवल एक रजत ही जीता। टिहरी की बालिका टीम केवल तीन रजत और चमोली की बालिका टीम चार रजत ही हासिल कर सकी। रुद्रप्रयाग की बालिका टीम को एक स्वर्ण और एक कांस्य पदक ही मिल सका।