उत्तराखंड: कांग्रेस ने धामी सरकार के 3 साल को बताया निराशाजनक, वरिष्ठ नेताओं ने की प्रेस कांफ्रेंस

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रकार के तीन साल पूरे होने पर जहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रेसकांफ्रेंस कर उपलब्धियां गिनाई। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने पत्रकारवार्ता में धामी सरकार की खामियां बताई। कांग्रेस पार्टी ने धामी सरकार के तीन साल को निराशाजनक बताया।

शनिवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व सीएम हरीश रावत सहित वरिष्ठ नेताओं ने पत्रकारवार्ता की, जिसमें धामी सरकार के तीन साल के कार्यकाल को निराशाजनक बताया। पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि राज्य के जीवन के तीन वर्ष हैं। यदि इसमें पिछला भाजपा का कार्यकाल जोड़ें तो आठ वर्ष होते हैं। ये वर्ष गंभीर निराशा, जनभावनाओं के साथ खिलवाड़, हर वर्ग युवा किसान, महिला व्यापारी वृद्धजनों के साथ धोखे के हैं।

 

बजट घट रहा
आरोप लगाया कि भाजपा ने उनके साथ धोखा किया। भाजपा की कथनी और करनी में गंभीर अंतर दिखा। सतही प्रचार से जनता के असली सवालों, बातों को ढंकने का काम किया। पलायन असली मुद्दा है। हर साल तीन चार घोस्ट विलेज बढ़ जाते हैं। पलायन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार छह दर्जन गांव घोस्ट होने की कगार पर हैं।

पूर्व सीएम ने कहा कि राज्य के विकास में जबरदस्त असंतुलन दिखाई दिया। इनके बजट प्रस्ताव और वास्तव में क्रियान्वित होने में गंभीर अंतर है। कांग्रेस ने हमेशा जिला योजनाओं को महत्व दिय। आज उनका बजट घट रहा है। उनके बजट को खर्च करने में अड़चनें लगा दी गई हैं। 

केंद्र पोषित योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति चिंताजनक
पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि केंद्र पोषित योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति चिंताजनक है। राज्य सरकार के पास विकास का कोई रोडमैप नहीं है। सड़कों में जितने डेंजर पॉइंट 2016 में थे, आज बढ़कर तीन गुना हो गए। इसलिए सड़क हादसे बढ़ रहे हैं। पीएमजीएसवाई की सड़कों का कोई क्राइटेरिया नहीं है। ठेकेदार मनमाने तरीके से काम कर रहे। सड़कें पूरी तरह से गड्ढा युक्त हो गई हैं। कहा कि प्रति व्यक्ति आय में आकार दिख नहीं रहा। 2017 में हम जहां प्रति व्यक्ति आय छोड़कर गए थे उसमें आठ साल में केवल 32,000 की बढ़ोतरी हुई है।

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उत्तराखंड की संस्कृति पर हमला कर रहे
कहा कि सरकार का धामी एडिशन झूठ के गर्भ से पैदा हुआ था। इससे पहले त्रिवेंद्र एडिशन भी झूठ के गर्भ से पैदा हुआ था। ये सनातन के भी नहीं हैं। सनातन में परिवार को एक संस्था माना गया है। परिवार में विवाह एक संस्कार है। इन्होंने लिव इन के जरिये उस संस्कार पर हमला किया है। ये उत्तराखंड की संस्कृति पर हमला कर रहे हैं। इसका परिणाम जनता को भुगतना पड़ रहा है। हमारे पास कल्पनाशीलता है। जब जब कांग्रेस को उत्तराखंड की जनता ने मौका दिया है, कांग्रेस ने माइलस्टोन काम किया है। कांग्रेस ने हमेशा उत्तराखंड को संवारने का काम किया है।

 भ्रष्टाचार, महंगाई, दलित पिछडों का हुआ उत्पीड़न
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि भाजपा शासन में  भ्रष्टाचार, महंगाई, महिला उत्पीड़न, दलित पिछडों का उत्पीड़न हुआ। असहनशीलता का माहौल देखने को मिला। 2017 में उत्तराखंड पर कर्ज 35,000 करोड़ था जो आठ साल में बढ़कर 95,000 करोड़ से ऊपर हो गया है। कहा कि सरकार को जवाब देना होगा। आखिरकार जो कर्ज थोपा गया है उससे जमीनी सतह पर क्या काम हुआ। अवस्थापना, पलायन, शिक्षा, स्वास्थ्य पर कुछ काम हुआ। प्रदेश में 1762 के करीब घोस्ट विलेज बन चुके हैं। इस वर्ष जो बजट पेश किया गया, उसका 45% राशि राज्य सरकार खर्च नहीं कर पाई। आपदा प्रबंधन का 596 करोड़ का बजट है। आपदा से लगातार क्षति हुई। इसमें खर्च किया केवल 29 फीसदी। पर्यटन का 259 करोड़ बजट, खर्च हुआ 30 फीसदी। वन विभाग 129 करोड़ बजट था, जिसमें केवल 30 फीसदी खर्च हुआ। आधुनिक उपकरण लिए जा सकते थे। ऊर्जा विभाग का 581 में 40 फीसदी खर्च किया। समाज कल्याण 158 करोड़ के से 8.26 फीसदी बजट खर्च हुआ।

सरकार ने नदी, नारी और नौकरी पर किए प्रहार: करन माहरा

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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि इस सरकार ने नदी, नारी और नौकरी पर प्रहार किए है। जिससे पूरे उत्तराखंड में हाहाकार मचा है। कहा कि उधमसिंनगर में पुलिस की गोलीबारी में पंचायत प्रतिनिधि का निधन हो जाता है। मातृ सदन को अपने सन्त को खोना पड़ा। त्रिवेंद्र रावत को संसद में मुद्दा उठाना पड़ा। आज जगह जगह प्राइवेट चौकियां खुल गई। आम आदमी परेशान है।

माहरा ने कहा कि एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, आज हिमालयी राज्यों में उत्तराखंड पहले स्थान पर है। तमाम नेता महिला संबंधी अपराध में लिप्त पाए जा रहे हैं। अंकिता भंडारी से लेकर आईएसबीटी देहरादून में 13 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म। रुद्रप्रयाग के गौचर भूमि पर पिटकुल का सबस्टेशन बनाया जा रहा है। महिलाओं के साथ पुलिस ने मारपीट की।

कहा कि नौकरी देने का हाल कुछ ऐसा है कि 60,000 से ज्यादा पद खाली हैं। 40,000 से ज्यादा कर्मचारी ठेकेदारों के अधीन काम कर रही है। उपनल वाले कर्मचारियों को कोर्ट के आदेश के बावजूद सरकार नौकरी नहीं दे रही। भर्ती घोटाले में भाजपा के नेता ही पकड़े गए। कोविड में हरिद्वार में ब्लड जांच मामला दफन कर दिया गया। वेंटिलेटर खरीदे और वो चलाने वाले नहीं। प्राइवेट अस्पतालों को देने पड़ रहे। खरीद का कोई रिकॉर्ड नहीं है। चारधाम यात्रा में मृत्यु के आंकड़े छुपाए गए।


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