उत्तर प्रदेश- थाने की दीवार फांदकर भागा घूसखोर इंस्पेक्टर रामसेवक, अखिलेश ने भाजपा सरकार पर कसा तंज
बरेली के फरीदपुर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर रामसेवक के सात लाख रुपये रिश्वत लेने के मामले में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए एक्स पर पोस्ट डाली है। उन्होंने लिखा है अभी तो बस थाने की दीवार कूदी है, यदि भ्रष्टाचार का ओलंपिक होता तो भाजपा राज में ऐसी विशिष्ट योग्यता रखने वाले कुछ कृपा प्राप्त पुलिसवाले ‘हाई जंप’ में प्लेटिनम मेडल ले आते।
उन्होंने आगे लिखा है कि अब सवाल ये है कि उच्च पुलिस अधिकारियों ने छापा क्यों मारा, जबकि उन्होंने ही उस इंस्पेक्टर की पोस्टिंग की होगी। क्या उस इंस्पेक्टर की भ्रष्ट कार्यप्रणाली के बारे में कोई रिपोर्ट पहले से उपलब्ध नहीं थी? यदि उत्तर ‘हां’ है तो फिर उसको पोस्टिंग कैसे मिली और अगर उत्तर ‘नहीं’ है तो फिर वो पुलिस क्या खुफिया रिपोर्ट निकालेगी, जिसे अपनों के बारे में ही पता नहीं है।
ऐसे में ये शासन-प्रशासन दोनों की नाकामी है। जनता कह रही है : कहीं इसके पीछे मूल कारण ये तो नहीं कि बेईमानी का तरबूजा तो कटा पर नीचे से ऊपर तक ईमानदारी से नहीं बंटा। भाजपा राज में क्या उप्र की जनता नशे के तस्करों से ‘9 लाख’ लेने वाले ऐसे भ्रष्ट नौ रत्नों के भरोसे रहेगी।
तीनों आरोपियों से मांगे थे 15 लाख
फरीदपुर पुलिस ने स्मैक तस्करी के आरोप में नवदिया अशोक गांव के जिन तीन आरोपियों को पकड़ा, उनमें आलम, नियाज व अशनूर शामिल थे। आलम अपनी ननिहाल नवदिया अशोक में रहता है। फरीदपुर बड़ा बाईपास पर आलम के नाना का समनानी मुस्लिम ढाबा है। ढाबे को आलम ही संचालित करता है। सूत्रों के मुताबिक अशनूर ने बताया कि इंस्पेक्टर ने तीनों व्यक्तियों को छोड़ने के लिए 15 लाख रुपये की मांग की थी। फिर साढ़े दस लाख रुपये में बात हो गई थी। सात लाख रुपये लेकर दो तस्करों को छोड़ दिया।
हवालात में मिले आरोपी ने खोली इंस्पेक्टर की पोल
इंस्पेक्टर ने थाने में जो डील की, उसकी पूरी पुष्टि हवालात में बंद आरोपी और थाने के रिकार्ड ने कर दी। सीओ ने थाने में बनी हवालात का निरीक्षण किया तो वहां मौजूद नवदिया अशोक गांव निवासी आरोपी असनूर मिला। उसे रिकार्ड में दाखिल नहीं किया गया था, बिना लिखीपढ़ी के ही उसे हवालात में बंद कर दिया गया था।
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि पुलिस तीन लोगों को पकड़कर लाई थी। इसमें आलम व नियाज अहमद को सात लाख रुपये लेकर छोड़ दिया गया। उसके पास रुपये नहीं थे तो नहीं छोड़ा गया। सीओ ने सुपुर्दगी रजिस्टर देखा तो छोड़े गए दोनों आरोपियों के नाम दर्ज थे। एसपी मानुष पारीक ने बताया कि मामले की विवेचना किसी दूसरी सर्किल के सीओ से कराई जाएगी।
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