आज संसद हमले की 24वीं बरसी:- PM मोदी-राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि, बलिदान को किया याद

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ज संसद हमले की 24वीं बरसी पर देश अपने वीर सपूतों को याद कर रहा है, जिन्होंने बिना अपनी जान की परवाह करते हुए आतंकियों के मंसूबे को नाकाम किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू और अन्य सांसदों और इस हमले में शहीद सुरक्षा कर्मियों को श्रद्धांजलि दीं और उनके बलिदान को याद किया।

संसद हमले में कई सुरक्षा कर्मी शहीद हुए थे और देशभर में इस घटना को देश की सुरक्षा और शौर्य की याद के रूप में याद किया जाता है। शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित समारोह में सभी नेताओं ने फूल चढ़ाकर और श्रद्धांजलि देकर शहीद सुरक्षा कर्मियों के अदम्य साहस और बलिदान को सम्मानित किया। इस अवसर पर संसद परिसर में गणमान्य व्यक्तियों और सुरक्षा अधिकारियों की भी उपस्थिति रही और देशभर में शहीदों को याद कर उनके बलिदान को सलाम किया गया।

 

पीएम मोदी ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि
इस अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज के दिन हमारा देश 2001 में संसद पर हुए भयानक हमले में अपने प्राण न्योछावर करने वाले शहीदों को याद करता है। इस संकटपूर्ण समय में उनके साहस, सतर्कता और कर्तव्यनिष्ठा सराहनीय थी। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए आभारी रहेगा।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 2001 संसद हमले के शहीदों को दी श्रद्धांजलि
इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को 2001 में संसद पर हुए आतंकवादी हमले में अपनी जान गंवाने वाले साहसी नायकों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि देश हमेशा उनके और उनके परिवारों का ऋणी रहेगा। राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में लिखा कि आज के दिन हम भारत की आतंकवाद के सभी रूपों से लड़ने की प्रतिबद्धता को दोबारा दृढ़ करते हैं।

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राष्ट्रपति ने कहा कि देश उन साहसी नायकों को सलाम करता है जिन्होंने 2001 में संसद की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर किए। उनका साहस और कर्तव्यनिष्ठा हमारी राष्ट्रीय भावना को आज भी मार्गदर्शित करती है। देश हमेशा उनके और उनके परिवारों का ऋणी रहेगा।

 

शहीद सुरक्षा कर्मी के परिवार ने कहा- हमें गर्व है
2001 के संसद हमले की बरसी पर शहीद सुरक्षा कर्मी के परिवार ने देशभक्ति की भावनाएं व्यक्त की हैं। शहीद के परिवार का कहना है कि हमें फोन आया कि संसद में आतंकवादी हमला हुआ है और उन्हें गोली लगी है, लेकिन उनकी सटीक स्थिति नहीं पता थी। उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि उन्होंने देश की संसद की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर किए।

रिजिदू ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने शहीद सुरक्षा कर्मियों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि आज हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण दिन है। जब आतंकवादियों ने संसद पर हमला किया था, हमारे बहादुर सुरक्षा कर्मियों ने इस लोकतंत्र के मंदिर को बचाने के लिए अपने प्राण न्योछावर किए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सभी सांसद हर साल उन्हें संसद परिसर में याद कर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। हम उन्हें कभी नहीं भूल सकते। आज हम उन्हें श्रद्धांजलि देने आए हैं।

योगी आदित्यनाथ ने दी श्रद्धांजलि
इससे पहले दिन की शुरुआत में ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन सुरक्षा जवानों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने संसद पर हमले में अपने प्राण न्योछावर किए। उन्होंने कहा कि उनका बलिदान हमेशा देश की स्मृतियों में जीवित रहेगा। सीएम योगी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में लिखा कि लोकतंत्र के मंदिर भारतीय संसद भवन ने 13 दिसंबर 2001 को एक कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले का सामना किया। यह हमला राष्ट्र की संप्रभुता, गरिमा और जनप्रतिनिधियों की शक्ति पर किया गया था। जिन्होंने इस हमले में अपनी जान देकर संसद और देश की रक्षा की, उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि। राष्ट्र हमेशा उनके बलिदान को याद रखेगा।

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नितिन गडकरी ने भी शहीदों को किया याद
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी संसद की रक्षा करते हुए शहीद हुए जवानों को याद किया। उन्होंने कहा कि 13 दिसंबर 2001 को आतंकवादी हमले के दौरान लोकतंत्र के मंदिर की रक्षा में जो वीर शहीद हुए, उनका बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा।

शहीद कांस्टेबल कमलेश कुमारी को दी श्रद्धांजलि
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने 88 बटालियन की कांस्टेबल कमलेश कुमारी को भी श्रद्धांजलि दी। सीआरपीएफ ने कहा कि उन्होंने आतंकवादियों का सामना करते हुए अद्वितीय साहस दिखाया और अपने साथियों को आतंकवादियों की गतिविधियों की जानकारी देते रहे। उनके शौर्य और बहादुरी के लिए उन्हें मृत्यु के बाद अशोक चक्र से सम्मानित किया गया। सीआरपीएफ ने उन्हें ‘सदाबहार श्रद्धांजलि’ दी।


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