
अयोध्या के प्राचीन कुंडों का कायाकल्प कर रही योगी सरकार, धार्मिक आस्था से जुड़े स्थलों को मिल रही नई पहचान
*-14 कोसी परिक्रमा मार्ग पर पर्यटन विकास के साथ ही कुंडों का हो रहा जीर्णोद्धार*
*-परियोजना में गिरिजा कुंड, लक्ष्मी सागर कुंड, विभीषण कुंड व अन्य कुंडों का विकास कार्य प्रगति पर*
*-पर्यटन विभाग द्वारा 21.25 करोड़ की लागत कार्यों को कराया जा रहा है पूरा*
*अयोध्या, 23 जून।* रामनगरी अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अपने प्राचीन वैभव को पुनः प्राप्त कर रही है। राम मंदिर निर्माण के साथ-साथ अयोध्या को विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की दिशा में तेजी से कार्य हो रहा है। अयोध्या में जारी विकास कार्यों में 14 कोसी परिक्रमा मार्ग भी शामिल है। यह मार्ग अयोध्या की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक सीमा को दर्शाता है। इस मार्ग पर पड़ने वाले पर्यटन स्थलों का विकास और प्राचीन कुंडों का जीर्णोद्धार प्राथमिकता के साथ किया जा रहा है। इस परियोजना के लिए पर्यटन विभाग के माध्यम से 21.25 करोड़ रुपये की लागत से कार्य शुरू किए गए हैं, जिसमें गिरिजा कुंड, लक्ष्मी सागर कुंड, विभीषण कुंड सहित अन्य कुंडों का सौंदर्यीकरण और पुनर्निर्माण शामिल है।
*42 किलोमीटर की परिधि में फैला हुआ है परिक्रमा मार्ग*
यह परियोजना न केवल अयोध्या की धार्मिक महत्ता में वृद्धि करेगी, बल्कि लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए सुविधाजनक और आकर्षक अनुभव भी प्रदान करेगी। 14 कोसी परिक्रमा मार्ग लगभग 42 किलोमीटर की परिधि में फैला है। यह मार्ग अयोध्या के प्रमुख धार्मिक स्थलों को जोड़ता है। यह मार्ग श्रीराम जन्मभूमि मंदिर को केंद्र मानकर बनाया गया है और इसमें हनुमान गुफा, नाका हनुमान गढ़ी, राम घाट, मानस भवन, हरिधाम महादेवा मंदिर जैसे पवित्र स्थल शामिल हैं। प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह की अक्षय नवमी तिथि पर लाखों श्रद्धालु नंगे पांव इस परिक्रमा को पूरा करते हैं। योगी सरकार ने इस मार्ग को और अधिक सुगम और आकर्षक बनाने के लिए सड़कों का चौड़ीकरण, सुरक्षा व्यवस्था, और पर्यटक सुविधाओं का विकास शुरू किया है। इसके अलावा मार्ग पर स्थित प्राचीन कुंडों का सौंदर्यीकरण भी इस परियोजना का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
*जीर्णोद्धार के बाद श्रद्धालुओं को मिलेंगी बेहतर सुविधाएं*
अयोध्या के कुंड न केवल धार्मिक, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं। इन कुंडों की विशेषताएं और पौराणिक कथाएं श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र हैं। सरकार ने इनके जीर्णोद्धार के लिए 21.25 करोड़ रुपये की लागत से कार्य शुरू किया है, जो अयोध्या की प्राचीन धरोहर को संरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। जीर्णोद्धार के तहत कुंड की सफाई, घाटों का निर्माण, और परिसर का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है, ताकि श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
*पिछले वर्ष लाखों श्रद्धालुओं ने की थी परिक्रमा*
योगी सरकार का लक्ष्य है कि अयोध्या आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु और पर्यटक को एक यादगार और सुगम अनुभव प्राप्त हो। उल्लेखनीय है कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में श्रद्धालुओं की संख्या में जबरदस्त वृद्धि हुई है। 14 कोसी परिक्रमा में भी पिछले वर्ष लाखों की संख्या में भक्त शामिल हुए थे। इस बढ़ती भीड़ को देखते हुए योगी सरकार ने आधारभूत ढांचे को मजबूत करने पर जोर दे रही है।
प्रगति पर है कार्य: जिलाधिकारी
जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे ने बताया कि 14 कोसी मार्ग पर कुंडों का जीर्णोद्धार और पर्यटन विकास न सिर्फ प्राचीन धरोहर को संरक्षित कर रहा है, बल्कि लाखों श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक अनुभव को और समृद्ध बना रहा है। उनके अनुसार, गिरिजा कुंड, लक्ष्मी सागर कुंड, विभीषण कुंड, विघ्नेश्वर नाथ मंदिर व वैतरणी कुंड के विकास कार्य प्रगति पर हैं और इसे निश्चित समयावधि में उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए पूरा किया जाएगा।