पानी की बौछार से बिखर गए जले शवों के अंग..बैग में भरकर ले जाने पड़े, 13 लोगों के जिंदा जलने की कहानी..

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थुरा में हुए सड़क हादसे में बस और कारों में लगी आग पर काबू पाने के लिए मथुरा, आगरा और हाथरस की 15 गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं। दमकल की गाड़ियों से कर्मचारियों ने पानी तेज बौछार के साथ आग बुझाने के लिए बसों में डाला तो शवों के अंग बिखर गए। इन्हें बाद में एकत्रित करके बैग में रखा और पोस्टमार्टम हाउस पहुंचाया।

मौके पर दमकल की गाड़ियों ने आग पर काबू पाने के लिए जैसे ही पानी की बौछार डालीं तो आग में बुरी तरह जले शव बिखर गए। पहले तो इसकी जानकारी किसी को नहीं हुई, आग बुझने के बाद जब कर्मचारी वाहनों के अंदर गए तो शवों के जले हुए अंग बिखरे पड़े थे। यह देख अधिकारियों और कर्मचारियों के होश फाख्ता हो गए।

आनन-फानन अधिकारियों ने वाहनों और घटनास्थल पर बिखरे पड़े मानव शरीर के अंगों को एकत्रित किया और बैग में रखकर पोस्टमार्टम हाउस पहुंचा दिया। यही कारण रहा कि पोस्टमार्टम हाउस पर शवों की संख्या जहां 13 थी, वहीं बैग 17 थे।

 

बैगों में शव होने की चर्चा पोस्टमार्टम हाउस पर होती रही। हालांकि यहां मौजूद पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि बैग भले ही 17 हैं लेकिन शव 13 है। अन्य बैग में मृतकों के शरीर के अंग हैं जिनकी पहचान के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

 

17 बैगों में पहुंचे शव, मृतक 13 बताए
मथुरा यमुना एक्सप्रेस वे पर हुए हादसे में 13 यात्रियों की मौत की पुष्टि की गई है, लेकिन बसों में से समेटे जली हुई लाशों के 17 बैग पोस्टमार्टम हाउस भेजे गए हैं। इससे आशंका जताई जा रही है कि हादसे में मरने वालों की संख्या ज्यादा हो सकती है। कई लोग अपनों को तलाश रहे हैं, जोकि उन्हें अभी तक नहीं मिल सके हैं। वहीं जले हुए अवशेषों में कोई पहचान चिह्न नहीं बचे हैं, जिससे आसानी से शिनाख्त हो सके। वहीं पुलिस बाकी चार बैगों में मानव अंग (अवशेष) होने की बात कह रही है।

 

सड़क हादसे में मृतकों की संख्या को लेकर सवाल हैं। पुलिस-प्रशासन ने 13 यात्रियों की मौत की पुष्टि की है, लेकिन दुर्घटनास्थल से 17 बैगों में मृत शरीर भेजे गए हैं। हालांकि पुलिस का कहना है कि चार अन्य बैगों में मृतकों के शरीर के अंग हैं। ज्यादातर मृतकों की शिनाख्त भी नहीं हो सकी है। इनमें 10 सिर, दो धड़ और एक शव शामिल है। लेकिन जली हालत में बसों की सीटों से चिपके यात्रियों के अवशेषों को भी बैगों में भेजा गया है।

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इससे हादसे में मरने वालों की संख्या ज्यादा होने की आशंका बताई जा रही है। हादसे के बाद आग बुझाने के लिए कई दमकलों ने प्रेशर के साथ बसों में पानी फेंका, इससे राख में तब्दील हो चुके कई शवों के पानी में बहने की आशंका भी जताई जा रही है। वहीं दुर्घटना स्थल के आसपास के लोगों का भी कहना है कि आठ बसों में मरने वालों की संख्या ज्यादा रही होगी। हालांकि कई लोग आग बुझाने तक जलकर राख हो चुके थे। हादसे के बाद कई लोग अब भी लापता हैं।

 

मथुरा में एक्सप्रेस-वे पर भीषण हादसा: 12 बसों और तीन कारों में टक्कर
मथुरा के यमुना एक्सप्रेस-वे पर मंगलवार तड़के घने कोहरे में बलदेव स्थित माइलस्टोन 127 के पास सात डबल डेकर और एक रोडवेज सहित आठ बसों और तीन कारों में टक्कर के बाद आग लग गई। आठों बसें जलकर राख हो गईं। चार अन्य डबल डेकर बसें क्षतिग्रस्त हो गई। हादसे में 13 यात्रियों की मौत हो गई, इनमें से अधिकांश जिंदा जल गए और 100 से अधिक घायल हैं।

 

मृतकों की डीएनए टेस्ट से होगी शिनाख्त
कई यात्री बसों में ही जल गए, उन्हें पहचानना मुश्किल है। इनकी शिनाख्त के लिए डीएनए टेस्ट कराया जाएगा। दमकल की 15 गाड़ियों ने दो घंटे में आग पर बमुश्किल काबू पाया। घायलों को मथुरा, वृंदावन और आगरा के अस्पतालों में भर्ती कराया गया। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजन को दो-दो लाख और सीएम ने घायलों को 50-50 हजार देने की घोषणा की है।

 

मृतकों में रेलवे बोर्ड के सदस्य भाजपा नेता प्रयागराज निवासी अखिलेंद्र प्रताप यादव भी शामिल हैं। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि घने कोहरे के कारण दृश्यता शून्य थी। इसी दरम्यान मंगलवार तड़के करीब पौने चार बजे माइलस्टोन 127 के पास घटना हो गई। एक-एक करके बसें टकरा गई।

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बसों में फंसे यात्री खिड़कियों के शीशे तोड़कर कूदे
पीछे से आ रहीं तीन कारें भी इनमें घुस गई। हादसा होते ही चीखपुकार मच गई। बसों में फंसे यात्री खिड़कियों के शीशे तोड़कर कूदने लगे। आपाधापी इस कदर थी कि सबको अपनी जान बचाने की पड़ी थी। इसी बीच बसों से आग की लपटें उठने लगीं।

 

जो लोग घायलों को बाहर निकाल रहे थे वे भी आग की लपटें उठने पर भाग गए। इन बसों के चालक, परिचालकों का भी पता नहीं चल सका है। उधर, कारों में सवार लोग भी बाहर निकलकर भागे। कुछ ही देर में लपटों ने 8 बसों और कारों को चपेट में ले लिया।

गाड़ियां धू-धू कर जलने लगी। घटनास्थल पर मचे कोहराम के बीच आसपास के ग्रामीणों ने आग बुझाने का प्रयास किया मगर सफलता नहीं मिली। सूचना पर पहुंची पुलिस ने हादसे की भयावहता को देखकर एंबुलेंस और दमकलों को बुलाया। करीब एक घंटे के बाद मथुरा, हाथरस और आगरा से दमकलें घटनास्थल पर पहुंची।

एंबुलेंस और पुलिस की गाड़ियों से करीब 100 घायलों को मथुरा, वृंदावन और आगरा के अस्पतालों में भेजा गया। निजी बसें गोंडा, जालौन, कानपुर, जौनपुर, हमीरपुर, बहराइच, प्रयागराज से दिल्ली जा रही थी। रोडवेज बस आंबेडकर नगर डिपो की थी जो आंबेडकर नगर से दिल्ली जा रही थी।

घटना के बाद एडीजी अनुपम कुलश्रेष्ठ, मंडलायुक्त शैलेंद्र कुमार सिंह, डीआईजी शैलेश पांडेय, डीएम चंद्रप्रकाश सिंह, एसएसपी श्लोक कुमार ने घटनास्थल और अस्पतालों का निरीक्षण किया और इंतजाम करवाए। देर रात तक शवों की शिनाख्त कराने का प्रयास किया जा रहा था।

 

बस में लगे एयर कंडीशनर भी जले
घटनास्थल पहुंचे मंडलायुक्त शैलेंद्र कुमार ने बताया कि सीएनजी वाहन की टक्कर से बस में आग लग गई। बस में लगे एयर कंडीशनर भी जल गए। मामले की जांच के लिए एडीएम स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में पांच विभागों की संयुक्त जांच कमेटी बनाई गई है। कमेटी को तीन दिन में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है। रिपोर्ट में हादसे की वजह के साथ-साथ रोकथाम के लिए क्या-क्या उपाय किए जाएं, यह भी बताने को कहा गया।

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सात लोगों की हुई शिनाख्त
शाम तक सात मृतकों की ही शिनाख्त हो पाई। इनमें आजमगढ़ निवासी रामपाल (75), नहाटी प्रयागराज निवासी, अखिलेंद्र प्रताप यादव (44), मसकनवा गोंडा निवासी, सुल्तान अहमद (79), रामगोपाल निवासी महाराजगंज, मोहम्मद सलीम, कानपुर देहात, पंकज संभल और पार्वती हमीरपुर शामिल हैं।

 

जांच कमेटी गठित, दो दिन में देगी रिपोर्ट
जिलाधिकारी सीपी सिंह ने यमुना एक्सप्रेस वे पर हुए हादसे की जांच के लिए कमेटी का गठन किया है। कमेटी में एडीएम प्रशासन अमरेश कुमार, एसपी ग्रामीण सुरेशचंद्र रावत, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता अजय सिंह, एआरटीओ राजेश राजपूत शामिल हैं। यह कमेटी हादसे के कारण, हादसों की रोकथाम पर अपनी रिपोर्ट दो दिन के भीतर देगी।

 

हादसे से बेहद दुखी हूं : राष्ट्रपति
मथुरा में सड़क दुर्घटना में लोगों की मृत्यु का समाचार अत्यंत हृदयविदारक है। मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करती हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं। द्रौपदी मुर्मू, राष्ट्रपति

 

लोगों की मृत्यु का दुख अत्यंत पीड़ादायक
यमुना एक्सप्रेसवे पर हुए हादसे में लोगों की मृत्यु का दुख अत्यंत पीड़ादायक है। मेरी संवेदनाएं उन परिवारों के साथ हैं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। मैं घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

 

मृतकों के परिजन को 4-4 लाख की सहायता, घायलों को मिलेंगे 50-50 हजार
यमुना एक्सप्रेसवे पर हादसे में जान गंवाने वालों के परिजन को केंद्र और राज्य सरकार की ओर से दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। घायलों को भी 50 हजार की सहायता दी जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजन को अलग-अलग अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। सीएम ने शोक संवेदना व्यक्त की है।

 

पुलिस को सुबह 4:02 बजे सूचना मिली और पुलिस रिस्पांस व्हीकल (पीआरवी) 4:08 बजे पहुंच गई थी। दूसरी पीआरबी 4:11 बजे पहुंची और तीसरी 13 मिनट बाद मौके पर पहुंची। – श्लोक कुमार, एसएसपी, मथुरा


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