विक्रमशिला एक्सप्रेस ट्रेन में आतंकवादी व बम होने की फर्जी सूचना मोबाइल फोन पर देने वाले को देर रात जीआरपी ने इटावा से गिरफ्तार कर लिया। पश्चिमी दिल्ली निवासी मोनू उर्फ रामनरेश ने पूछताछ में बताया कि उसने तो केवल मजा लेने के लिए फोन कर दिया था, उसकी सूचना पर ट्रेन रूकती, लोग घबराते तो उसे मजा आता। फिलहाल जीआरपी उसके बारे में जानकारी जुटा रही है।
जीआरपी के प्रभारी निरीक्षक संदीप तोमर ने बताया कि पकड़े गए आरोपी ने अपना नाम मोनू उर्फ रामनरेश निवासी एच- 22 जेजे काॅलोनी, घेबरा, पश्चिम दिल्ली बताया है। उसने कुछ दिन पहले एक कपड़े की दुकान पर काम किया था तो कुछ दिन पहले कोचिंग सेंटरमें नौकरी की थी। आरोपी को इटावा के भरथना के पास से गिरफ्तार किया गया है। उसने अपने मोबाइल से ही फोन करके ट्रेन में बम और आतंकी होने ककी गलत सूचना दी थी। उसका मोबाइल भी बरामद कर लिया गया है।
बम की सूचना किसी ने 3:19 बजे 139 नंबर पर दी। ट्रेन ने 3:40 बजे इटावा क्रॉस कर लिया, 4:45 बजे टूंडला भी निकल गया, लेकिन चेकिंग नहीं हुई। इटावा जीआरपी थाने के सीयूजी नंबर पर सुबह 5:15 बजे सूचना दी गई। तब जीआरपी ने तत्काल रेलवे कंट्रोल रूम टूंडला को बताया, लेकिन गाड़ी वहां से निकल चुकी थी। 520 बजे कंट्रोल रूम से सभी को संदेश भेजकर अलर्ट कर दिया गया, लेकिन ट्रेन को 5:58 बजे तक चेक करया गया, जब वह 170 किमी का सफर तय करके अलीगढ़ स्टेशन पर पहुंच चुकी थी। इसी बीच छोटे-बड़े 21 स्टेशन हैं। होना तो यह चाहिए था कि सूचना को गंभीरता से लेते हुए निकटवर्ती स्टेशन पर ट्रेन को रोककर चेक कराया जाता।







