
रुद्रप्रयाग के गौरीकुंड के गौरीमाई खर्क में क्रैश हुए हेलिकॉप्टर के लिए आर्यन कंपनी के दो मैनेजरों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। फाटा के राजस्व उप निरीक्षक ने कंपनी के खिलाफ सोनप्रयाग पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई है। जिसमें कहा गया कि लापरवाही से यह हादसा हुआ है। हेलिकॉप्टर हादसे का कारण भले ही खराब मौसम बताया जा रहा हो, पर इसे हेली कंपनी द्वारा यूकाडा और डीजीसीए के नियमों की अनदेखी भी माना जा रहा है। इस संबंध में दी गई तहरीर में कहा गया कि सुबह 5.24 बजे आर्यन हेली कंपनी को सुबह 6 से 7 बजे वाला स्लॉट आवंटित हुआ था, पर कंपनी ने हेलिकॉप्टर को सुबह 5.11 बजे ही उड़ाना शुरू कर दिया था, केदारनाथ से वापसी में सुबह 5.24 बजे हादसा हो गया।
हादसे में सात लोगों की मौत का माना जिम्मेदार
तहरीर में कहा गया कि डीजीसीए और यूकाडा ने जारी एसओपी में फ्लाइंग स्लॉट के हिसाब से उड़ान करने को कहा था। इस बारे में आर्यन एविएशन के बेस मैनेजर विकास तोमर और एकाउंटेबल मैनेजर कौशिक पाठक ने अनदेखी की, जो दायित्यों के प्रति घोर लापरवाही है। फाटा राजस्व उप निरीक्षक ने हादसे में सात लोगों की मौत के लिए कंपनी के दोनों मैनेजरों को सीधे तौर पर जिम्मेदार माना है। उनके खिलाफ कोतवाली सोनप्रयाग में भारतीय दंड संहिता की 28/2025 धारा 105, भारतीय न्याय संहिता 2023 और धारा 10 वायुयान अधिनियम 1934 बनाम विकास तोमर और कौशिक पाठक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। कोतवाल राकेंद्र सिंह कठैत ने बताया कि मुकदमा दर्ज होते ही अग्रिम कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।
उधर, हेलिकॉप्टर को क्रैश होता देखने वाली नेपाली मूल की शर्मिला और उसकी बहन संजू भी सामने आई हैं। उन्होंने पूरी कहानी बताई है। दोनों बहनों ने बताया कि कोहरा काल बनकर आया और हेलिकॉप्टर के गिरते ही कुछ समय में साफ हो गया, तब तक सब कुछ खत्म हो चुका था। हमसे बस बीस मीटर की दूरी पर हेलिकॉप्टर गिरा, जो आग से धू-धूकर जल रहा था। हमने घटना के बारे में ठेकेदार को बताया तो उसने अन्य को बताया होगा।
गौरीकुंड में रहने वालीं दोनों महिलाएं अन्य स्थानीय महिलाओं के साथ रविवार को सुबह 4 बजे गौरी माई खर्क के लिए निकल गई थी। वह यात्रा में संचालित घोड़ा-खच्चरों के लिए घास काटने का काम करती हैं। शर्मिला ने बताया कि वह 5 बजे तक गौरी माई खर्क पहुंच गईं थीं, तब आसमान में बादल छाए हुए थे, पर कोहरा नहीं था।
कुछ ही देर में एक हेलिकॉप्टर जैसे ही उस क्षेत्र में उड़ान भरता हुआ पहुंचा, अचानक घना कोहरा छा गया। कोहरे की वजह से हेलिकॉप्टर थोड़ा मुड़ा और पीछे की तरफ गया और फिर थोड़ा नीचे आकर आगे बढ़ने लगा, जिससे वह एक ऊंचे पेड़ पर टकराकर सीधे जमीन पर गिर गया।
आग की लपटों के बीच से कुछ सुनाई नहीं दे रहा
शर्मिला ने बताया कि जब हम घटनास्थल के पास पहुंचे तो वहां एक बच्ची गिरी हुई थी, जो जिंदा नहीं थी। संभवतः बच्ची हेलिकॉप्टर से गिरकर जमीन में बड़े पत्थर से टकरा गई, जिससे उसकी मौत हो गई। हादसा इतना भयावह था कि आग की लपटों के बीच से कुछ सुनाई नहीं दे रहा था।