सनातन धर्म के इस महापर्व में अस्त और उदय होते सूर्य की पूजा पूरे विधान से की जाती है। व्रतियों ने कल अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया था और आज उगते सूरज की उपासना की।
छठ व्रतियों ने उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया। पहाड़ से मैदान त श्रद्धालुओं ने उगते सूर्य को अर्घ्य देकर सुख-समृद्धि की कामना की।
उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन हो गया। महिलाओं ने छठी मईया की पूजा कर सूर्य देवता की आरती की। चारों ओर छठी मईया और सूर्य देवता के जयकारों की गूंज रही।
छठ पूजा के लिए सुबह देवभूमि के घाट दीपों की रोशनी से जगमगा उठे। छठ व्रतियों ने रात तीन बजे से हरिद्वार, देहरादून, ऋषिकेश समेत विभिन्न घाटों पर पहुंचना शुरू कर दिया।
देहरादून में छठ महापर्व को लेकर सुरक्षा से लेकर हर पहलू पर खास इंतजाम किए गए हैं। छठ पूजा के लिए सभी घाटों पर सैकड़ों कार्यकर्ता तैनात हैं। वहीं, ऋषिकेश में छठ महापर्व पर त्रिवेणी घाट परपूर्वांचल समुदाय के लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।