दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर डॉ. संध्या वात्स्यायन जी की अध्यक्षता में हुई सम्पन्न
विश्व हिन्दी परिषद समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से सामान्य जन, साहित्यकार, विद्यार्थी, शोधार्थी एवं समाज के बुद्धिजीवियों को आपस में जोड़ने का महत्त्वपूर्ण कार्य करती रहती है। इसी कड़ी में विश्व हिन्दी परिषद 25-26 जुलाई 2024 को ‘श्री अरविन्द’ से संबंधित एक सम्मेलन की तैयारी बहुत ही तत्परता के साथ कर रहा है। इसी संदर्भ में विगत 3 जून 2024 को नई दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में विश्व हिन्दी परिषद के पदाधिकारियों तथा कार्यकारिणी सदस्यों की एक बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक अदिति महाविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर डॉ. संध्या वात्स्यायन जी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई साथ ही विश्व हिन्दी परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री देवी प्रसाद मिश्र जी ने इस बैठक में संगठन विस्तार से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदुओं को रखा। इस बैठक के संयोजन एवं संचालन का श्रेय अदिति महाविद्यालय, हिन्दी विभाग की प्रो. संध्या वात्स्यायन जी को जाता है। कार्यकारिणी सदस्यों के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसरस एवं शोधार्थियों ने इस बैठक में भाग लिया। कार्यक्रम के शुभारंभ में दिल्ली विश्वविद्यालयों के शिक्षकों की बैठक में उद्बोधन देते हुए विश्व हिन्दी परिषद के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. विपिन कुमार ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय देश का अग्रणी विश्वविद्यालय हैं। इस नाते राष्ट्र उत्थान से संबंधित गतिविधियों में दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों का बढ़ चढ़ कर भाग लेना काफ़ी महत्वपूर्ण मायने रखता है।
इस बैठक में दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों की उपस्थिति महत्वपूर्ण रही जिसमें प्रो. ममता वालिया, प्रो. प्रदीप, प्रो. हंसराज सुमन, प्रो. शशि, डॉ. दीनदायल, डॉ. प्रतिभा राणा, डॉ. प्रवीण, श्री कौशल पांडे, संजीत (शोधार्थी), अभिलाष (शोधार्थी), श्रीकान्त (कार्यालय प्रभारी, विश्व हिन्दी परिषद), प्रतिष्ठा (सहायक प्रभारी, विश्व हिन्दी परिषद – कार्यालय), पारुल (कार्यकारिणी सदस्य, विश्व हिन्दी परिषद – कार्यालय) ने प्रमुखता से अपनी बात रखी।
बैठक के आरंभ में श्री विपिन कुमार जी ने बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों का स्वागत किया एवं बैठक की चर्चा को आगे बढ़ाया। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री देवी प्रसाद मिश्र जी ने विश्व हिन्दी परिषद के उद्देश्य की चर्चा की। उन्होंने बताया कि हिन्दी को विश्व भाषा बनाना, अंग्रेजी भाषा के स्थान पर भारतीय भाषाओं का प्रयोग, माध्यम के रूप में हिन्दी एवं अन्य भारतीय भाषाओं का प्रयोग तथा हिन्दी को अन्य भारतीय भाषाओं के समन्वय से आगे बढ़ाना ही परिषद का उद्देश्य है जिसके लिए जन-जन तक प्रसार एवं उनसे जुड़ना परिषद का लक्ष्य है। कम से कम 1 लाख लोगों से जुड़ना तथा हिन्दी को राष्ट्र एवं विश्व भाषा बनाना साथ अन्य भारतीय भाषाओं के उत्थान एवं विकास के लक्ष्य को जन आंदोलन बनाना परिषद का उद्देश्य है। इस बैठक में परिषद से जुडने के विषय में बताते हुए उन्होंने विश्व हिन्दी परिषद की आजीवन सदस्यता, प्राथमिक सदस्यता तथा विद्यार्थी सदस्यता के विषय में विस्तार से बताया।
इसी के साथ भविष्य में अन्य कार्यक्रमों के संदर्भ में भी विचार विमर्श किया गया तथा विश्व हिन्दी परिषद के बैनर तले दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रत्येक महाविद्यालय में कार्यक्रम करवाने का निर्णय लिया गया।
इस बैठक में सभी सदस्यों ने अपने सुझावों को प्रस्तुत किया। सभी सुझावों पर विचार करके दो-दिवसीय सम्मेलन की व्यवस्था तथा कार्यभार का निर्धारण किया गया तथा सभी सदस्यों को उनके दायित्व सौंपे गए। बैठक के अंत में उपस्थित सभी सदस्यों ने विश्व हिन्दी परिषद के कार्यक्रम को सफल बनाने का संकल्प लिया।