अयोध्या –
सत्य तो सफेद ऱंग की भांति है जिस पर काला रंग धोखे से चढाने के बाउजूद भी उतरने फर सफेद ही निकलेगा।आज कुछ ऐसा ही काशी विश्वनाथ में हो रहा है।
उन्हों ने कहा तलवार और हत्या के बल पर हिन्दुओं के धार्मिक स्थलों और संपत्तियों पर अनाधिकृत कब्जा करने वाले लुटेरे आक्रमणकारियों को यह नही मालुम था कि एक ना एक दिन इस देश का नागरिक जागेगा और अपने पूर्वजों की छीनी गयी संपत्ति को पुनः वापस लेने हेतु हर तरह का प्रयास करेगा।
उन्हों ने कहा सात आठ सौ वर्ष पूर्व भारत में आकार आक्रण करना और हिन्दुओं के धार्मिक स्थलों पर बलात कब्जा कर लेने से कोई सदा सर्वदा के लिये मालिक नही बन जाता है।
आज जो संपत्ति जैसे गई वैसे ही उसे लेनी कही से अनुचित नही है।देश में हिन्दुओं के तीन प्रमुख धार्मिक स्थलों के अलावा हजारों स्थल ऐसे है जिनपर बलात रुप से कब्जा किया गया।
अयोध्या में भव्य मंदिर श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के मार्ग दर्शन में बन रहा है यानि न्यायालय ने मुक्त कर हिन्दुओं को उनका चुराया गया अधिकार दे दिया ठीक उसी प्रकार काशी मथुरा का अपहरण कर अनाधिकृत अधिकार जताने वालों से भीअब हमारे धार्मिक स्थलों की मुक्ति न्याय संगत होगी।
आज काशी विश्वनाथ के ज्ञानवापी ढ़ाचे में शिवलिंग का मिलना सुखद संदेश है।
हमारे पूर्वज और वर्तमान में हमारे सनातनी इतिहासकार, वैदिक विद्वानों ने सीना ठोककर जो कहा वही सत्य आज सामने दिख रहा है। जैसा अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि के विवादित ढ़ांचे के नीचे नीव मे छिपा रहा है।
वर्तमान मुस्लिम पक्ष को स्वतः हिन्दुओं के साथ किये गए छल कपट और लूट पर खेद प्रकट करते हुए अपने असत्य अधिकारो़ से पीछे हट जाना चाहिए।