70% आवेदन खारिज कर दिए बैंकों ने सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री विश्वकर्मा सम्मान योजना से जुड़े ताज़ा आंकड़े चौंकाने वाले हैं। योजना का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को सरल ऋण, प्रशिक्षण और उपकरण सहायता उपलब्ध कराना है, लेकिन बैंकों गरीब कारीगरों के 70 फीसदी आवेदन निरस्त कर दिए। सितंबर तक प्राप्त कुल 55,021 आवेदनों में से 38,752 आवेदन बैंकों ने खारिज कर दिए। योजना के अंतर्गत केवल 23.69% आवेदन स्वीकृत हुए और सिर्फ 19.39% आवेदनों में धनराशि जारी की गई।
क्या है पीएम विश्वकर्मा योजना
सरकार की महत्वाकांक्षी पीएम विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य पारंपरिक कौशल से जुड़े कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक एवं तकनीकी सहयोग प्रदान करना है। योजना में 18 पारंपरिक व्यवसायों-जैसे बढ़ई, नाव निर्माण, लोहार, राजमिस्त्री, सुनार, नाई, दर्जी, माली, ताला बनाने वाले और खिलौना निर्माता को शामिल किया गया है।
योजना के तहत लाभार्थियों को 5 दिनों की गुरु-शिष्य परंपरा आधारित कौशल प्रशिक्षण के साथ 15 दिनों का उन्नत प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। प्रशिक्षुओं को 500 रुपये प्रतिदिन का भत्ता तथा 15,000 रुपये तक का टूलकिट प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।
सबसे बड़ी सुविधा है बिना गारंटी ऋण: पहले चरण में 1 लाख रुपये तक का ऋण 18 महीने की अवधि के लिए और दूसरे चरण में 2 लाख रुपये का ऋण 36 महीने तक उपलब्ध होगा। साथ ही, डिजिटल लेनदेन पर 1,000 रुपये तक की प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। योजना का उद्देश्य कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाकर स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देना है।







