भारत के उद्योग जगत के सबसे नायाब ‘रतन’ यानी रतन टाटा नहीं रहे। उम्र से जुड़ी बीमारी के बाद 86 वर्ष की उम्र में उन्होंने मुंबई में अंतिम सांस ली। सोमवार को वे स्वास्थ्य जांच के लिए अस्पताल में भर्ती हुए थे। बाद में उन्होंने ही आईसीयू में भर्ती होने के दावों का खंडन कर दिया था। हालांकि, बुधवार को उन्हें एक बार फिर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों की टीम उनके स्वास्थ्य पर लगातार नजर बनाए हुए थी, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी उन्हें नहीं बचाया जा सका। उधर, हेमकुंड साहिब के कपाट बृहस्पतिवार 10 अक्तूबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। गुरुद्वारा प्रबंधन की ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। बृहस्पतिवार दोपहर साढ़े 12 बजे हेमकुंड साहिब स्थित गुरुद्वारे में साल की अंतिम अरदास पढ़ी जाएगी। इसके बाद दरबार साहिब से पंच प्यारों की अगुवाई में गुरुग्रंथ साहिब को सचखंड में सोवित किया जाएगा। दोपहर एक बजे कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए 10-11 अक्तूबर को लाओ पीडीआर की यात्रा पर होंगे। इनकी मेजबानी लाओ पीडीआर कर रहा है। प्रधानमंत्री की यात्रा से पहले बुधवार को विदेश मंत्रालय ने उनके दौरे को लेकर अहम जानकारी दी है।
देश के उद्योग जगत के सबसे नायाब ‘रतन’ यानी रतन टाटा नहीं रहे। उम्र से जुड़ी बीमारी के बाद 86 वर्ष की उम्र में उन्होंने मुंबई में अंतिम सांस ली। सोमवार को वे स्वास्थ्य जांच के लिए अस्पताल में भर्ती हुए थे। बाद में उन्होंने ही आईसीयू में भर्ती होने के दावों का खंडन कर दिया था। हालांकि, बुधवार को उन्हें एक बार फिर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों की टीम उनके स्वास्थ्य पर लगातार नजर बनाए हुए थी, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी उन्हें नहीं बचाया जा सका। रतन टाटा अपनी सादगी और सरल स्वभाव की वजह से जाने जाते थे। उदारीकरण के दौर के बाद टाटा समूह आज जिस ऊंचाइयों पर है, उसे यहां तक पहुंचाने में रतन टाटा बहुत बड़ा योगदान है। टाटा का जन्म 28 दिसंबर, 1937 को हुआ था। वे टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा के दत्तक पोते नवल टाटा के पुत्र थे।