राजस्थान:- गैंगस्टर राजू ठेहट की घर के बाहर गोली मारकर की हत्या,लॉरेंस बिश्नोई गैंग के रोहित गोदारा ने ली हत्या की जिम्मेदारी

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राजस्थान के सीकर में गैंगस्टर राजू ठेहट की गोली मारकर हत्या कर दी गई। चार-छह बदमाशों ने राजू ठेहट को उसके घर के पास ही गोली मार दी। राजू ठेहट की आनंदपाल गैंग और बिश्नोई गैंग से रंजिश चल रही थी। लॉरेंस बिश्नोई के राहित गोदारा ने हत्याकांड की जिम्मेदारी ली है। रोहित गोदारा ने लिखा कि उसने आनंदपाल और और बलबीर की हत्या का बदला ले लिया है।

राजू ठेहट की हत्या की सूचना पर पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। पुलिस ने पूरे जिले में नाकाबंदी कर दी है। राजू ठेहत के तीन गोली लगने की सूचना मिली है। हरियाणा और झुंझुनू की सीमाओं को सील कर दिया गया है। कहा जा रहा है कि गैंगस्टर राजू ठेहट अपराध की दुनिया को छोड़ कर राजनीति में आनेवाला था। सीकर के एसपी कुंवर राष्ट्रदीप ने कहा कि राजू ठेहट की हत्या कर दी गई। सीसीटीवी के आधार पर हत्याकांड में चार युवकों के शामिल होने की बात सामने आई है। सीसीटीवी में दिख रहा है कि एक युवक राजू से बातचीत भी कर रहा है। ऐसा लग रहा है कि दोनों में जान-पहचान थी। मामले की जांच में पुलिस जुट गई है। वहीं रोहित गोदारा के हत्याकांड की जिम्मेदारी लेने पर एसपी ने कहा कि इसकी जांच करवाई जा रही है।

Rajasthan: गैंगस्टर राजू ठेहट की गोली मारकर हत्या, बिश्नोई गैंग के रोहित गोदारा ने ली हत्या की जिम्मेदारी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सीकर Published by: रोमा रागिनी Updated Sat, 03 Dec 2022 12:07 PM IST
सार
सीकर जिले के पीपराली रोड पर बदमाशों ने दिनदहाड़े राजू ठेहट को गोलियों से भून दिया। हत्याकांड के बाद पूरे जिले में नाकाबंदी करवाई गई है। कहा जा रहा है कि गैंगस्टर ठेहट राजनीति में कदम रखने वाला था।
गैंगस्टर राजू ठेठ
गैंगस्टर राजू ठेठ – फोटो : Amar Ujala Digital

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राजस्थान के सीकर में गैंगस्टर राजू ठेहट की गोली मारकर हत्या कर दी गई। चार-छह बदमाशों ने राजू ठेहट को उसके घर के पास ही गोली मार दी। राजू ठेहट की आनंदपाल गैंग और बिश्नोई गैंग से रंजिश चल रही थी। लॉरेंस बिश्नोई के राहित गोदारा ने हत्याकांड की जिम्मेदारी ली है। रोहित गोदारा ने लिखा कि उसने आनंदपाल और और बलबीर की हत्या का बदला ले लिया है।

राजू ठेहट की हत्या की सूचना पर पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। पुलिस ने पूरे जिले में नाकाबंदी कर दी है। राजू ठेहत के तीन गोली लगने की सूचना मिली है। हरियाणा और झुंझुनू की सीमाओं को सील कर दिया गया है। कहा जा रहा है कि गैंगस्टर राजू ठेहट अपराध की दुनिया को छोड़ कर राजनीति में आनेवाला था।

सीकर के एसपी कुंवर राष्ट्रदीप ने कहा कि राजू ठेहट की हत्या कर दी गई। सीसीटीवी के आधार पर हत्याकांड में चार युवकों के शामिल होने की बात सामने आई है। सीसीटीवी में दिख रहा है कि एक युवक राजू से बातचीत भी कर रहा है। ऐसा लग रहा है कि दोनों में जान-पहचान थी। मामले की जांच में पुलिस जुट गई है। वहीं रोहित गोदारा के हत्याकांड की जिम्मेदारी लेने पर एसपी ने कहा कि इसकी जांच करवाई जा रही है।

1995 में क्राइम की दुनिया में कदम –

राजू ठेहट का अपराध की दुनिया में नाम गैंगस्टर आनंदपाल सिंह से पहले से ही फैला हुआ था। आनंदपाल सिंह की मौत के बाद भी राजू ठेहट की दबंगई कम नहीं हुई। अपराध के दुनिया में ठेहट ने 1995 के दौर में एंट्री की थी। उस समय भाजपा की भैरोंसिंह सरकार हवा के झोंके में झूल रही थी और राजस्थान में राष्ट्रपति शासन लागू था। सीकर का एसके कॉलेज शेखावाटी के राजनीतिक का केंद्र था। कॉलेज में एबीवीपी का दबदबा था। गोपाल फोगावट शराब के धंधे से जुड़ा हुआ था। जिसके संरक्षण में राजू ठेहठ भी शराब का अवैध कारोबार करने लगा।

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अवैध शराब का था रजा –

फोगावट के साथ काम करते हुए राजू ठेहट की मुलाकात बलबीर बानुडा से हुई। बानुडा दूध का व्यापार करता था लेकिन राजू ठेहट से मुलाकात के बाद बानुडा को खूब पैसा कमाने की लत लगी। वह भी राजू ठेहट के साथ मिलकर शराब का कारोबार करने लगा। साल 1998 में बलबीर बानुडा और राजू ठेहट ने मिलकर सीकर में भेभाराम हत्याकांड को अंजाम दे दिया। यहीं से शेखावाटी में गैंगवार की शुरुआत हो गई। 1998 से लेकर 2004 तक बानुडा और राजू ठेहट ने शेखावाटी में शराब के अवैध कारोबार बेरोकटोक करने लगे। अगर कोई इस धंधे में शामिल उनकी जी हजूरी नहीं करता तो दोनों उसे रास्ते से हटा देते।

बलबीर बानूडा से दोस्ती दुश्मनी में बदली –

2004 में वसुंधरा राजे के पास राजस्थान की गद्दी थी। राजस्थान मे शराब के ठेकों की लॉटरी निकाली गई। जिसमें जीण माता में शराब की दुकान राजू ठेहट और बलबीर बानुडा को मिली। दुकान शुरू हुई और उस पर बलबीर बानुडा का साला विजयपाल सेल्समैन के तौर पर रहने लगा। दिनभर में हुई शराब की खपत का हिसाब शाम को विजयपाल बानुडा और ठेहट दोनों को देता था। दुकान से जिस प्रकार की बचत राजू ठेहट चाहता था, वह बचत उसे मिल नहीं रही थी। ठेहट को लगा की विजयपाल दुकान की शराब बेचने की बजाय ब्लैक में शराब बेचता है। इसी बात को लेकर राजू ठेहट और विजयपाल में कहासुनी हो गई और कहासुनी इस हद तक बढ़ गई की राजू ठेहट ने अपने साथियों के साथ मिलकर विजयपाल की हत्या कर दी। विजयपाल की हत्या के बाद राजू ठेहट और बलबीर बानुडा की दोस्ती अब दुश्मनी में बदल गई। बलबीर बानुडा अब अपने साले विजयपाल की हत्या का बदला लेने पर उतारू हो गया।
बानूडा से दुश्मनी और सीकर गोलियों से दहलने लगा
राजू ठेहट पर गोपाल फोगावट का हाथ था इसलिए ठेहट से बदला लेना इतना भी आसान नहीं था। बदला लेने के लिए बलबीर बानुडा ने नागौर जिले के सावराद गांव के रहने वाले आनंदपाल सिंह से हाथ मिलाया। राजू ठेहट आर्थिक रूप से आनंदपाल और बलबीर बानुडा के मुकाबले मजबूत था। बदला लेने के लिए आर्थिक रूप से भी मजबूत होना बेहद जरूरी था। इसलिए आनंदपाल और बलबीर बानुडा ने शराब और माइनिंग का कारोबार शुरू किया। जिसमें दोनों को फायदा भी मिला और इसी क्रम में चलते-चलते अपनी गैंग को भी मजबूत बना लिया, दोनों गैंग के गुर्गों के बीच लगातार गैंगवार होती रही और दोनों तरफ खून की नदियां बहती रही। राजू का शराब का कारोबार राजस्थान के अलावा हरियाणा तक फैल चुका था। ठेहट को राजनीति से सरंक्षण था। इसलिए एक राज्य से दूसरे राज्य में शराब के ट्रक बिना रोक टोक जाने लगे। आनंदपाल और बलबीर बानुडा राजू ठेहट के शराब के भरे ट्रकों को ही लूटने लगे। जिसके चलते ठेहट को आर्थिक रूप से संकट झेलना पड़ा।

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