नया नियम: एसपीजी (SPG) लिए नए जारी हुआ नियम, अब इनके हाथ होगी प्रधानमंत्री की सुरक्षा की कमान ।।

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नया नियम: एसपीजी (SPG) लिए नए जारी हुआ नियम, अब इनके हाथ होगी प्रधानमंत्री की सुरक्षा की कमान ।।

प्रधानमंत्री की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले विशेष सुरक्षा बल (एसपीजी) की कमान अब भारतीय पुलिस सेवा के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) स्तर के अधिकारी के पास होगी। साथ ही जूनियर अधिकारियों को छह साल की प्रारंभिक अवधि के लिए प्रतिनियुक्ति पर नियुक्त किया जाएगा।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से ये मानक बृहस्पतिवार को विशेष सुरक्षा दल अधिनियम, 1988 (1988 के 34) के तहत राजपत्र अधिसूचना के जरिये जारी नियमों की एक नई श्रेणी के माध्यम से तय किए गए। इसके अनुसार, अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों को एसपीजी में केंद्र सरकार की प्रतिनियुक्ति पर उन्हीं नियमों और शर्तों पर नियुक्त किया जाएगा, जो केंद्र सरकार में संबंधित रैंक के अधिकारियों के लिए लागू हैं। इसमें कहा गया है कि पहले की ही तरह एसपीजी का मुख्यालय नई दिल्ली में होगा। निदेशक की नियुक्ति केंद्र सरकार की ओर से भारतीय पुलिस सेवा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक से कम के स्तर पर नहीं की जाएगी।

नई दिल्ली में होगा एसपीजी का दफ्तर-
गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, पहले की तरह एसपीजी का मुख्यालय नई दिल्ली में होगा और निदेशक की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा भारतीय पुलिस सेवा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक से कम के स्तर पर नहीं की जाएगी। हालांकि अभी तक एसपीजी का नेतृत्व महानिरीक्षक रैंक के अधिकारी करते थे और इस पद को अतिरिक्त महानिदेशक के तौर पर पदोन्नत किया गया है। गौरतलब है कि, इस संदर्भ में कोई भी नियम या गाइडलाइन जारी नहीं की गई थी। नई अधिसूचना के अनुसार, एसपीजी के अन्य सदस्यों को छह साल की प्रारंभिक अवधि के लिए प्रतिनियुक्ति पर नियुक्त किया जाएगा।

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एसपीजी के सामान्य अधीक्षण, निर्देशन, कमान और नियंत्रण, पर्यवेक्षण, प्रशिक्षण, अनुशासन और प्रशासन संबंधी कार्य के लिए जिम्मेदार होंगे। अधिसूचना में कहा गया है कि एसपीजी के निदेशक कार्यात्मक प्रमुख होंगे और केंद्र सरकार द्वारा सौंपे गए अन्य कार्यों, आदेशों और निर्देशों के अलावा अधिनियम में सौंपे गए कर्तव्यों के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार होंगे। अधिनियम में निहित प्रावधानों के संदर्भ में एसपीजी के निदेशक या सदस्य को सहायता प्रदान करने का तरीका मानक संचालन प्रक्रियाओं के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा निर्दिष्ट किया जाएगा।


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