नैनीताल: वन कर्मियों से मारपीट के मामले पर 2 दिन बाद रेंजर ने सौंपी तहरीर.
तराई केंद्रीय वन प्रभाग के बरहैनी रेंज में दो दिन पहले तमंचे के बल पर लकड़ी तस्करों की ओर से वन कर्मियों के साथ की गई मारपीट के मामले में बुधवार को रेंजर की ओर से कालाढूंगी थाने में नामजद तहरीर दी गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है। बताया जा रहा है कि जिन वन कर्मियों के साथ मारपीट हुई उन्होंने डर और दहशत की वजह से रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई।
रेंजर प्रदीप कुमार असगोला ने पुलिस को सौंपी तहरीर में कहा है कि बीती एक जुलाई की शाम करीब छह बजे जंगल के अंदर से धूरिया गेट पर एक स्कार्पियो आई। वन आरक्षी संगीता राणा ने जब कार में खैर की लकड़ी देखी तो उन्होंने गेट खोलने से मना कर दिया। राणा ने इसकी सूचना वन दरोगा शेर सिंह बोरा और वन आरक्षी रणजीत सिंह को दी। कार का पीछा करते हुए वन कर्मियों की टीम राईखत्ता प्लाॅट नं 17 में मुमताज के डेरे पर पहुंची।
यहां मुमताज अपनी कार से पहुंच गया। मुमताज ने वन दरोगा बोरा और रणजीत की बाइक में टक्कर मार दी। रेंजर ने बताया कि मुमताज कार से तमंचा लहराते हुए बाहर निकला और वन कर्मियों के साथ गालीगलौज करते हुए मारपीट शुरू कर दी। मुमताज के साथी सोमपाल निवासी हरिपुरा जबरान, यासीन उर्फ पप्पी और अकरम ने भी वन कर्मियों के साथ मारपीट की। एसओ भगवान महर ने बताया कि घटना के दो दिन बाद तहरीर मिली है। मामले की जांच की जांच की जा रही है जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।