नैनीताल हाईकोर्ट ने ऊधमसिंह नगर जिले की तहसील जसपुर के 19 गांवों को काशीपुर में मिलाने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद राज्य सरकार को यह स्पष्ट करने को कहा है कि इनको शामिल करते समय नियमों का पालन किया गया है या नहीं। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए सात अप्रैल की तारीख तय की है।
जसपुर तहसील निवासी सद्दाम हुसैन व अन्य की जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र एवं न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने सुनवाई की। याचिका में कहा गया था कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2020 में एक अधिसूचना जारी कर जसपुर के 19 गांवों को काशीपुर तहसील में शामिल कर दिया था। इसकी वजह से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
आए दिन कृषि कार्य से जुड़े किसानों को तहसील काशीपुर जाना पड़ रहा है। यही नहीं उन्हें इस कार्य के लिए जसपुर तहसील से काशीपुर जाने में 60 से 70 किलोमीटर बस का किराया भी देना पड़ रहा है। जबकि इनकी नजदीकी तहसील 20 से 30 किमी दूर है।
सरकार ने इसके लिए निर्धारित प्रावधानों का पालन नहीं किया है। ग्रामीणों की सहमति भी नहीं ली गई। सरकार की ओर से कहा गया कि जिला प्रशासन ने इस मामले में विस्तृत जांच रिपोर्ट दी है। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि किस नियमावली के तहत यह कदम उठाया गया है और क्या इसमें प्रावधानों का पालन किया गया है।