नैनीताल हाईकोर्ट ने प्रदेश के करीब 1300 सहायक अध्यापक एलटी चयनित अभ्यर्थियों को विभागीय नियुक्ति पत्र देने पर लगी रोक को जारी रखी। मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी। न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने मामले की सुनवाई की।
चमोली निवासी नवीन सिंह असवाल, अजय नेगी, किशन चंद्र सहित कई याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन ने 1544 पदों पर भर्ती का विज्ञापन जारी किया था। आयोग ने 18 अगस्त 2024 को एलटी सहायक अध्यापक पदों के लिए लिखित परीक्षा कराई।
चयनित अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की 13 से 28 जनवरी तक जांच की गई। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल टेक्नोलॉजी से संबंधित वैकल्पिक सवाल का सही जवाब लिखा गया था। पहली उत्तर कुंजी में जवाब सही था, जबकि संशोधित उत्तर कुंजी में जवाब गलत घोषित कर दिया गया। इस वजह से अंक कम होने से उनका चयन नहीं हो सका।
इन याचिकाओं में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से पूछे गए कुछ प्रश्नों में अस्पष्टता तथा गलत उत्तरों के बारे में बताया गया है। अभिलेखों से पता चलता है कि लिखित परीक्षा के बाद आयोग ने उत्तर कुंजी प्रकाशित की तथा आपत्तियां आमंत्रित कीं। कई आपत्तियां प्राप्त हुईं।